चतरा (झारखंड). पारंपरिक खेती से आधुनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाने के दौरान किसानों को कई प्रकार के महंगे कृषि यंत्र की आवश्यकता होती है. लेकिन, कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से किसान इसे खरीद पाने में सक्षम नहीं होते हैं. ऐसे में चतरा के पत्थलगड़ा प्रखंड के नावाडीह डमौल पंचायत के चौथा निवासी किसान देवचंद दांगी ने जुगाड़ तकनीक से कृषि यंत्र बनाकर पूरे जिले के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम किया है.
5 मजदूरों के बराबर काम करता है जुगाड़
किसान देवचंद दांगी ने Local 18 को बताया कि खेतों में फसल उगाने के बाद जो आमदनी होती थी, उससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. उन्हें इतनी राशि की बचत नहीं हो पाती थी कि वह कृषि कार्य करने के लिए महंगे उपकरण खरीद सकें. ऐसे में उन्होंने जुगाड़ तकनीक को अपनाते हुए पुरानी साइकिल के फ्रेम का उपयोग कर मल्टीपरपज कृषि यंत्र तैयार कर दिया. जुगाड़ तकनीक से बनाया गया उनका यह कृषि यंत्र अकेले पांच मजदूरों के बराबर काम करता है, जिससे उन्हें समय की भी बचत होती है. कोई लागत भी नहीं लगती है.
3 हज़ार में बन जाएगी मशीन
किसान ने बताया कि साइकिल के फ्रेम में आगे एक मीडियम साइज का चक्का लगाया है. वहीं पीछे की तरफ खेत की जुताई करने के लिए कुदाल लगाया गया है. वहीं, जरूरत के अनुसार पार्ट्स को बदलते भी रहते हैं. उन्होंने बताया कि इससे खरपतवार भी हटाई जा सकती है. टमाटर, मिर्च, प्याज और अन्य सब्जियों की खेती के लिए मेड़ बनाने और जरूरत पड़ने पर निराई एवं गुड़ाई भी इसी से कर लेते हैं. जुगाड़ तकनीक से बनाए गए इस कृषि यंत्र को वह 3 हजार रुपये में पूरी तरह से तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराते हैं.
खेतों में उपयोग करते हैं जैविक उर्वरक
किसान ने बताया कि वह खेतों में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करते हैं. खेतों में तैयार होने वाली फसलों के लिए जैविक उर्वरक का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त करते हैं. वहीं कीटनाशक के लिए घर में नीम के पत्ते, धतूरा, अकवन समेत अन्य पौधों के पत्ते को मिलाकर इसके मिश्रण को कीड़े वाले फसल पर छिड़काव करने से काफी सकारात्मक असर देखने को मिलता है. बताया कि जिले से कई किसान उनके पास जैविक विधि से खेती करने के तरीके की जानकारी लेने भी पहुंचते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 12:47 IST