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Padmashri award for Bhim singh Bhavesh: केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने आरा के रहने वाले भीम सिंह भवेश को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की है. मुसहर जाति की दुर्दशा को देश-दुनिया की नजरों में लाने…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- आरा के रहने वाले भीम सिंह भवेश का पद्म श्री पुरस्कार के लिए चयन.
- मुसहरों के मसीहा के तौर पर पहचान रही, पीएम मोदी ने की थी तारीफ.
आरा/चंंदन कुमार. पिछले दो दशक से मुसहर समाज के लिए ‘मसीहा’ के तौर पर पहचान बना चुके भोजपुर के समाजसेवी डॉ. भीम सिंह भवेश के नाम की घोषणा पद्मश्री अवार्ड के लिए हुआ है. इसके लिए उनके नाम की घोषणा गणतंत्र दिवस के मौके पर की गई. भीम सिंह के नाम का जिक्र स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान किया था. पीएम ने 110वें एपिसोड में भीम सिंह भवेश की विशेष चर्चा करते हुए कहा बिहार के भोजपुर में भीम सिंह भवेश जी ने अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के लिए बहुत काम किया है.
मुसहर एक अत्यंत वंचित समुदाय है. भी सिंह भवेश ने इस समुदाय के बच्चों की शिक्षा पर फोकस किया है. इन्होंने अब तक मुसहर जाति के आठ हजार बच्चों का दाखिला स्कूल में कराया है और एक बड़ी लाइब्रेरी भी बनवायी है. इनके स्थापित पुस्तकालय के माध्यम से अब तक सवा सौ से अधिक बच्चे एनएमएमएस (राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति) का वजीफा पा रहे हैं. इनके प्रयास से करीब सौ अनाथ बच्चे-बच्चियों को परवरिश का लाभ मिल रहा है. ये बच्चों के डॉक्यूमेंट बनवाने और फॉर्म भरवाने में भी मदद करते हैं. इन्होंने सौ से ज्यादा मेडिकल कैंप लगवाए और कोरोना काल में भी लोगों की मदद की
प्रधानमंत्री की प्रशंसा से बेहद खुश, आगे भी जारी रहेगा काम
आरा के रहने वाले भीम सिंह पिछले तीन दशक से मुसहर जाती से आने वाले बच्चों के विकास के लिए काम कर रहे हैं. भीम सिंह भवेस को पद्मश्री मिलने के बाद उनसे संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मैं पिछले दो दशक से यह काम कर रहा हूं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरे इस काम के लिए मेरी तारीफ की है. इससे मैं बेहद खुश हूं और आगे भी ये काम जारी रखूंगा. वहीं इसी का परिणाम है कि आज उन्हें देश के इस बड़े अवॉर्ड के लिए उनके नाम की घोषणा की गई है.
पत्रकार रहे भीम सिंह ने मुसहर समाज को जीवन समर्पित किया
गौरतलब है कि आरा (भोजपुर) के रहने वाले भीम सिंह पेशे से पत्रकार रहे हैं. पत्रकारिता के दौरान उन्होंने मुसहर समाज की दुर्दशा देखी तो अपना जीवन उनके लिए समर्पित कर दिया. वे पिछले 22 सालों से भोजपुर जिले के साथ साथ आस-पास के क्षेत्र में मुसहरों के लिए काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक भीम सिंह भावेश अपनी संस्था ‘नई आशा’ के जरिये मुसहर बस्तियों में काम करते हैं. वे दलितों और अति पिछड़ी जातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं.
भीम सिंह ने मुसहरों की दुर्दशा को देश-दुनिया के सामने रखा
भोजपुर जिले में उन्होंने करीब 8 हजार मुसहर बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाया है. वह 100 से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर आयोजित करवा चुके हैं. उन्होंने अपनी दो किताबों ‘नेमप्लेट’ और ‘कोलकाता से कोलकाता’ के जरिये मुसहर समाज की दुर्दशा को समाज के सामने रखा है. केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का भीम सिंह भावेश को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करना संपूर्ण मुसहर समुदाय का सम्मान कहा जा रहा है.
January 26, 2025, 07:14 IST