29 जून से 19 अगस्त तक बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु कश्मीर पहुंचने वाले हैं. हर बार की तरह इस बार भी यात्रा सुगम रहे और किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. वहीं इसके उलट यात्रा में गड़बड़ी फैलाने, आतंकी वारदात को अंजाम देने और उसके बाद भारत के पलटवार से बचने के लिए पाकिस्तान ने अपना प्लान ऑफ एक्शन भी तैयार किया है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा को लेकर पाकिसतान में दो बड़ी बैठकें हुईं. एक लाहौर में लश्कर के अब्दुल रहमान मक्की ने बुलाई और दूसरी बैठक जैश के मुफ़्ती अब्दुल राउफ ने बहावलपुर में. लश्कर-ए-तैयबा ने मीटिंग में तय किया कि ज्यादा से ज्यादा हथियारों को कश्मीर में पहुंचाया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, दो दर्जन से ज़्यादा अमेरिका में निर्मित M4-राइफल और अन्य साजोसामन को अमरनाथ यात्रा में हमले के लिए भेजा जाए.
जैश-ए-मोहम्मद की बैठक का एजेंडा था कि हथियारों को घाटी में भेजने साथ-साथ उन मुखबिरों और ओवर ग्राउंड वर्करों को सक्रिय किया जाए जो कि भारतीय सुरक्षा बलों के जारी ऑप्रशन ऑल आउट के डर से दुबके बैठे हैं. पैसे का लालच देकर उन्हें फिर से जैश के लिए सुरक्षा बलों के मूवमेंट की जानकारी, हथियारों और बाकी मदद आतंकियों को पहुंचा सकें. साथ ही बडे़ फिदायीन हमले को अंजाम दिया जा सके. खास बात ये है कि हर बैठक की तरह ये दोनों बैठक भी पाकिस्तान सरकार के नाक के नीचे आईएसआई की मौजूदगी में की गईं.
पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक का डर
भारतीय सेना ने दो बार पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम दिया था. एक बार 2016 में उरी हमले के बाद 29 सितंबर को सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. दूसरा पुलवामा आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी, 2019 में भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था. और अब पाकिस्तान को तीसरे अटैक का डर सता रहा है.
जम्मू में बस पर हमले और बाद में आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान खौफ में है. उसकी सबसे बड़ी वजह है कि पाकिस्तान को भारतीय सेना के क्रास बॉर्डर रेड यानी सर्जिकल स्ट्राइक का डर सता रहा है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, एलओसी और आईबी पर पाकिस्तान ने हाईअलर्ट जारी किया हुआ है. और पीओके में तैनात अपनी सेना के कोर के सभी डिविजन को संभावित भारतीय सेना के पलटवार से आगह कर दिया है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के 10 कोर, जिसकी जिम्मेदारी पूरे पीओके की है, ने अपनी नफ्री को भी बढ़ा दिया. उसके तहत आने वाली 649 मुजाहिद बटालियन (बारोह), और 65 फ्रंटियर फ़ोर्स (तंदर ) को भारतीय सेना के किसी भी रेड को रोकने के लिए अलर्ट पर रहने को कहा गया है. बहावलपुर स्थित सेना के 31 कोर के 5-फ़्रंटियर कोर विंग को भी अलर्ट रहने को कहा गया है.
बहावलपुर वही जगह है जहां पर जैश का मुख्यालय है. इस जगह की हवाई सुरक्षा के लिए बाकायदा एयर डिफेंस सिस्टम 3 साल पहले तैनात कर दिया गया था. इसके अलावा अमृतसर के दूसरी ओर काला खटाई में 27 एपसी विंग तो जैसलमेर के दूसरी ओर 5 कोर के 50 एफसी विंग (सरोहा ) और हैदराबाद के 18 इंफ्रेंट्री डिविजन हेडक्वाटर को हाई अलर्ट पर रखा है. इस हाई अलर्ट से ये साफ हो रहा है कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा का इंतजाम तो कर सकता है लेकिन, अपनी हरकत और फितरत से बाज नहीं आ सकता. पाकिस्तान में चुनावों की सरगर्मी खत्म करके पाकिस्तानी सेना अपने दूसरे सबसे जरूरी काम की तरफ फ़ोकस करना शुरू कर दिया और वो काम है कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना. ताकी अमरनाथ यात्रा और आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर का माहोल खराब किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 20:37 IST