रोहतकः आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वाले मरीजों के लिए आफत आ गई है. हरियाणा के सभी निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने यह फैसला किया है, जिसके मुताबिक एक जुलाई से प्रदेश के तकरीबन 450 निजी अस्पताल, जोकि सरकार के पैनल पर हैं, उन्होंने ये तय किया है कि वे आयुष्मान कार्ड योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे.
आईएमए रोहतक के प्रधान डॉक्टर रविंद्र हुड्डा ने बताया कि हरियाणा सरकार पर तकरीबन 300 करोड़ रुपए निजी अस्पतालों का बकाया है, लेकिन पिछले 8 महीने से उसकी पेमेंट नहीं की जा रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस दौरान कुछ पेमेंट हुई भी है, लेकिन एक बड़ा अमाउंट अभी भी बाकी है. इसको लेकर कई बार सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. उनका कहना है कि निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रखने के लिए फंड की आवश्यकता होती है. और हर अस्पताल का लाखों रुपए आयुष्मान के तहत सरकार की तरफ बकाया है.
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डॉ. रविंद्र हुड्डा ने कहा कि अस्पताल में बिजली, पानी, स्टॉफ सैलरी आदि से जुड़े कई तरह के खर्च होते हैं. .यदि उनका समय पर भुगतान नहीं होगा, तो स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दी जा सकतीं. प्रत्येक निजी अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 30 मरीज आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए आते हैं. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इनका भुगतान नहीं होगा तो अस्पताल कैसे स्वास्थ्य सेवाएं दे सकते हैं.
डॉ. रविंद्र ने कहा कि सरकार निरंतर आश्वासन दे रही है. इस पर आगामी 5 जुलाई को दोबारा आईएमए हरियाणा की मीटिंग होगी. उसमें तय किया जाएगा कि इलाज शुरू किया जाएगा या फिर रोक जारी रहेगी. बता दें कि प्राइवेट अस्पतालों की इस फैसले के बाद से मरीजों में हड़कंप मच गया है. इस योजना का लाभ ले रहे लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 14:07 IST