Homeउत्तर प्रदेशवैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए करें हरियाली तीज का व्रत, नोट...

वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए करें हरियाली तीज का व्रत, नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

-


अयोध्या: हिंदू धर्म में सावन का माह बहुत पवित्र माना जाता है. इस महीने कई बड़े व्रत रखे जाते हैं. जिसमें से एक हरियाली तीज भी है. सुहागिन महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है.

हरियाली तीज का व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस दिन इनकी पूजा आराधना की जाती है. यह व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन व्रत रहने वाली सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कब है हरियाली तीज और क्या है पूजा विधि .

शुभ मुहूर्त
दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को रात्रि 7:52 से शुरू हो रही है, जिसका समापन 7 अगस्त को रात 10:05 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के मुताबिक हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा. हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करने से सुहागिन महिलाओं को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है .

कैसे करें पूजा?
हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करना चाहिए सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार करना चाहिए. उसके बाद मंदिर की साफ सफाई कर भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए उसके बाद दीपक जलाकर पूजा अर्चना शुरू करनी चाहिए. इस दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करना चाहिए. इसके बाद आरती और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए. कहा जाता है ऐसा करने से इस दिन सुख समृद्धि के साथ पति की लंबी आयु मिलती है .

हरियाली तीज के मंत्र
ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः ऊँ गौरये नमः ऊँ पार्वत्यै नमः
कुवारी कन्याओं के लिए मंत्र
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।

Tags: Hartalika Teej, Local18, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts