दौसा. राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को दौसा सेंट्रल जेल से जान से मारने की धमकीभरा कॉल करने की घटना सामने आने के बाद पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है. सीएम को धमकी मिलने के बाद जयपुर पुलिस सक्रिय हुई और तत्काल मोबाइल की लोकेशन ली गई. मोबाइल की लोकेशन दौसा के श्यालावास क्षेत्र में स्थित सेंट्रल जेल की मिली. पुलिस ने जब यहां सर्च ऑपरेशन चलाया तो कैदियों के पास एक के बाद करके 10 मोबाइल मिले. यह देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. बाद में इस मामले में ताबड़तोड़ एक्शन लेकर जेल अधीक्षक समेत तीन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.
पुलिस सूत्रों को अनुसार सीएम भजनलाल शर्मा को जेल से यह धमकी नीमो नाम के एक कैदी ने दी थी. यह कैदी रेप के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद है. नीमो दार्जिलिंग का रहने वाला है. उसे रेप के मामले में जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह पिछले करीब तीन महीने से दौसा के श्यालावास सेंट्रल जेल जेल में बंद है. कैदी नीमो से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उसने सीएम को धमकी क्यों दी थी?
सिम किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से जारी हो रखी है
कैदी नीमो ने जिस नंबर से सीएम को धमकी दी थी उसकी सिम किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से जारी हो रखी है. यह सिम जिस व्यक्ति के नाम से जारी हुई है उस शख्स को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया. बाद में उससे पापड़दा थाने में पूछताछ की गई. हालांकि प्रथम दृष्टया सामने आया है कि फर्जी तरीके से दस्तावेजों का उपयोग कर इस सिम को जारी करवाया गया है. मुख्यमंत्री को धमकी देने के इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद डीआईजी जेल मोनिका अग्रवाल भी यहां पहुंची. उन्होंने पूरे घटनाक्रम जानकारी ली. जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे इसकी गहनात से जांच करने के आदेश दिए.
जेल अधीक्षक, जेलर और मुख्य प्रहरी सस्पेंड
डीआईजी जेल मोनिका अग्रवाल ने इस मामले में दौसा सेंट्रल जेल अधीक्षक समेत तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं. इनमें जेल अधीक्षक कैलाश प्रसाद शर्मा, जेलर बिहारीलाल और मुख्य प्रहरी अवधेश शामिल हैं. दौसा पुलिस अधीक्षक रंजीता शर्मा से बताया कि धमकी देने वाले कैदी से पूछताछ की जारी है. जेल के अंदर अब तक 10 मोबाइल मिल चुके हैं. ये मोबाइल जेल के अंदर कैसे आए इसकी जांच की जा रही है.
दौसा सेंट्रल जेल को विशिष्ट जेल का दर्जा मिला हुआ है
दौसा का केंद्रीय विशिष्ट कारागृह श्यालावास देश के आधुनिक जेलों में शुमार है. इस सेंट्रल जेल को विशिष्ट जेल का दर्जा मिला हुआ है. आधुनिक और हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों के पास बड़ी संख्या में मोबाइल मिलना जेल प्रशासन की लापरवाही को दिखा रहा है. हालांकि यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा की मोबाइल के इस खेल में आखिर कार्मिकों की लापरवाही है या फिर मिलीभगत.
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FIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 09:33 IST