जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर से बड़ी खबर है. यहां बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की आने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ (Emergency) के प्रदर्शन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी थी. हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने फिल्म से जुड़े सभी पक्षकारों कंगना के मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सेंसर बोर्ड सहित अन्य को नोटिस जारी किया है. सुनवाई के दौरान जो पक्षकार मौजूद नहीं थे उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मोड से नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. अब इस मामले पर 3 सितंबर को फिर सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता की तरफ से वकील टीएस रूपराह ने पैरवी की. याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया है. इससे सिख समुदाय के लिए समाज में गलत छवि बनेगी. सनवाई के दौरान एक्टिंग सीजे ने कहा कि सिख कम्युनिटी ने कोरोना काल के दौरान आगे आकर सेवा की है. मैंने दिल्ली में देखा है. गुरुद्वारों ने ऑक्सीजन से लेकर खाना उपलब्ध कराया है. कोरोना काल में सिख समुदाय सेवा करने में सबसे आगे था. अब इस मामले की सुनवाई 3 सितंबर को होगी.
क्यों हो रहा ‘इमरजेंसी’ फिल्म का विरोध
बता दें, बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म में साल 1975 में देश में लगी इमरजेंसी पर आधारित है. यह फिल्म बनने के बाद से ही विवादों में आ गई. कई सिख समूहों ने फिल्म का जोरदार विरोध किया है. सीबीएफसी से अभी तक फिल्म को हरी झंडी नहीं नहीं मिली है. फिल्म का डायरेक्शन कंगना रनौत ने किया है. इसमें वे देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के किरदार में नजर आ रही हैं.
कंगना ने शेयर की थीं ये बातें
बता दें, हाल ही में शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट पर कंगना रनौत ने अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर कुछ बातें शेयर की थीं. उन्होंने कहा था, ‘मेरी फिल्म पर ही इमरजेंसी लग गई है. बहुत निराशाजनक स्थिति है. मैं बहुत ज्यादा निराश हूं अपने देश से और जो भी हालात हैं.’ कंगना रनौत ने कहा था कि मुझे अलग-थलग किया जा रहा है. उन्होंने अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ में जिन घटनाओं को दिखाया है, वो मधुर भंडारकर की पॉलिटिकल-थ्रिलर ‘इंदू सरकार’ और मेघना गुलजार की ‘सैम बहादुर’ जैसी फिल्मों में पहले ही दिखाया जा चुका है.
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FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 17:16 IST