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विधानसभा चुनाव से पहले दिग्गजों की बिहार यात्रा पॉलिटिक्स के क्या हैं मायने?

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हाइलाइट्स

इन दिनों बिहार की यात्रा पर निकल रहे हैं दिग्गज पॉलिटिशियन. प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव बिहार यात्रा पर पहले से चल रहे. अब उपेंद्र कुशवाहा और सीएम नीतीश कुमार की यात्रा का प्लान.

पटना. बिहार विधान सभा चुनाव के पहले बिहार के नेताओं की यात्रा पॉलिटिक्स को लेकर सियासत गर्म है. दिग्गज नेताओं  के यात्रा के मायने खोजे जा रहे हैं. तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार समेत तमाम दिग्गज नेता यात्रा राजनीति में शामिल हो रहे हैं. प्रशांत किशोर ने बिहार में विधान सभा चुनाव के पहले यात्रा पॉलिटिक्स की शुरुआत जन सुराज यात्रा के नाम से की थी. अपनी यात्रा के दौरान बिहार के उन्होंने हर जिले में जाकर लोगों को ये बताने की कोशिश कर की है कि उनकी बनने वाली राजनीतिक पार्टी अगर सत्ता में आती है तो कैसे बिहार को बदल देंगे. लगे हाथों बिहार के तमाम सियासी दलों को बिहार के बदहाल का जिम्मेदार ठहरा निशाना भी साध रहे हैं.

वहीं, PK के बाद नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव भी यात्रा पर निकले  हुए हैं और उनकी यात्रा का नाम है “कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद”. अपनी इस यात्रा में तेजस्वी यादव आमंत्रित साथियों से बातचीत करते हैं, जिसमें पार्टी की जमीनी स्थिति का पता करते हैं और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हैं. साथ ही सरकार की कमियों को बता निशाना भी साध रहे हैं. इनके टारगेट पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही बीजेपी-जेडीयू गठबंधन वाला एनडीए भी है.

वहीं, RLM के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी यात्रा पर निकलने की घोषणा कर दी है और उन्होंने यात्रा का नाम ‘बिहार यात्रा’ दिया है. इस यात्रा की शुरुआत उपेन्द्र कुशवाहा अरवल के कुर्था से शहीद जगदेव बाबू की धरती से शुरू करेंगे. 25 सितंबर से यात्रा पर निकलेंगे और 25 तारीख को अरवल औरंगाबाद में रहेंगे. वहीं,  26 सितंबर को औरंगाबाद रोहतास में रहेंगे. इसके बाद 27 तारीख को रोहतास भोजपुर रहेंगे और 29 तारीख को छपरा में रहेंगे. दूसरे चरण की घोषणा बाद में होगी.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यात्रा पर निकलने वाले हैं, लेकिन अभी तारीख की घोषणा नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि यात्रा महिलाओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा. सूत्र बताते हैं कि यात्रा का नाम ‘महिला संवाद यात्रा’ हो सकता है. जदयू की नेता और मंत्री लेसी सिंह कहती हैं कि नीतीश जी यात्रा पर शुरू से ही निकलते रहे हैं, एक बार फिर निकलने वाले हैं जिसकी घोषणा की जाएगी.

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि यात्रा की राजनीति बिहार में कोई नई नहीं है, पहले भी नेता निकलते रहे हैं. यात्रा के बहाने जमीन से जुड़ी हुई जो जानकारी मिलती है वो बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसके सहारे राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाते हैं, जिसका फायदा चुनाव में मिलता है. वहीं, कई नेता यात्रा के सहारे जानता के बीच पैठ बनाने की कोशिश भी करते हैं, जिसका फायदा राजनीति में मिलता रहा है.



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