श्रवण कुमार/ गोपालगंज: जिले के 50 किसान अब नई तकनीक के साथ मशरूम की खेती करेंगे, जहां वे मात्र एक झोपड़ी में मशरूम उगाकर लाखों रुपए की कमाई कर सकेंगे. वैज्ञानिकों ने इस नई तकनीक की जानकारी किसानों को दी है, जो कम जमीन में अधिक मुनाफा देने वाली खेती है.
कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहा विशेष प्रशिक्षण
कुचायकोट प्रखंड के सिपाया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में पिछले पांच दिनों से मशरूम उत्पादन को लेकर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसमें वैज्ञानिकों ने किसानों को मशरूम की खेती से संबंधित विभिन्न बारीकियां सिखाई हैं, जिससे किसान बेहतर तरीके से उत्पादन कर सकें.
बिना खेत के उगाई जाने वाली फसल: मशरूम
सूक्ष्म जीव वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक राणा ने किसानों को मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी दी और बताया कि मशरूम की खेती के लिए बड़ी जमीन की आवश्यकता नहीं होती. यह खेती बिना खेत के भी हो सकती है, और किसान इसे एक साधारण झोपड़ी में उगाकर लाखों रुपये कमा सकते हैं.
प्रशिक्षित किसानों को योजनाओं में प्राथमिकता
कृषि विभाग की ओर से चलाई जाने वाली मशरूम उत्पादन योजनाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिससे वे अपनी उत्पादन क्षमता और मुनाफा बढ़ा सकेंगे.
क्या-क्या मिली जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए निम्नलिखित जानकारियां दी गईं:
– स्पॉन (मशरूम के बीज) कैसे बनाए जाते हैं.
– पूरे साल विभिन्न प्रकार के मशरूम की खेती कैसे की जाती है.
– मशरूम के लिए खाद तैयार करना और उत्पादन प्रक्रिया.
– मशरूम में लगने वाली बीमारियों और कीटों की पहचान और प्रबंधन.
– उत्पादित मशरूम का बाजार ढूंढना.
– कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी.
यह विशेष प्रशिक्षण किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 23:38 IST