रिपोर्ट अभिनव कुमार
दरभंगा: यदि आप भी नदी-तालाब में पूजा पाठ की सामग्री और मूर्ति विसर्जन करते हैं तो अब आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. इसके लिए दरभंगा जिला प्रशासन द्वारा निर्देश दिया गया है. दरअसल, मूर्ति में उपयोग होने वाले सिंथेटिक सामग्री को जल में प्रवाहित करने से जलीय जीव को नुकसान पहुंचता है. इसे देखते हुए इन तमाम चीजों को जल में प्रवाहित न करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
नदी और तालाब में विसर्जन रोकने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश भी दिया गया है. उन्हें विसर्जन की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा कहा गया है. मूर्तियों के निर्माण में सिंथेटिक सामग्री के उपयोग पर प्रतिबंध है और गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध है. पूजा सामग्री के निपटान के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.
नदी के किनारों और घाटों में मूर्तियों के विसर्जन को रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी. निर्दिष्ट मूर्ति-विसर्जन स्थलों पर फूल, माला और सजावट की सामग्री के संग्रह के लिए अलग-अलग डिब्बे/कंटेनर उपलब्ध कराए जाएंगे.
किसी भी पूजा सामग्री को सीधे नदी में विसर्जित नहीं किया जाएगा. नदी के किनारे उपयुक्त स्थानों पर समर्पित घाट विकसित किए जाएंगे जहां मूर्ति विसर्जन, पूजा सहित विभिन्न धार्मिक समारोह/अनुष्ठान किए जा सकेंगे.
लगेगा इतना जुर्माना
यदि कोई व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उससे 50,000 रुपये पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जा सकता है. जिला अधिकारी राजीव रोशन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 19:25 IST