नई दिल्ली. वैसे तो आपने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार का जवाब पढ़ा होगा जिसमें साफ-साफ कहा था कि पति पर पत्नी का रेप केस नहीं चल सकता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है. वहीं दिल्ली की अदालत ने एक पति पर बलात्कार का केस चलाने की मंजूरी दे दी है. 19 साल की पत्नी की हत्या के मामले में गिरफ्तार 21 साल के पति पर मर्डर के साथ रेप केस चलाने की मंजूरी भी कोर्ट ने दे दी है.
अब पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (बलात्कार), 366 (महिला को शादी के लिए मजबूर करना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर का आदेश महिला के परिवार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के आधार पर दिया है. महिला के माता-पिता ने 26 मार्च को दर्ज की गई शिकायत पर पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था. हालांकि, 21 वर्षीय आरोपी पति ने उसकी हत्या कर दी और 1 सितंबर को राजौरी गार्डन के पास एक सेडान कार में उसका शव छोड़ दिया. हालांकि इस हमले में पत्नी की जान बच गई.
स्कूल में शुरू हुआ था प्यार?
पुलिस ने बताया कि 21 वर्षीय आरोपी ने मार्च में एक मंदिर में पीड़िता से “शादी” की थी, लेकिन वे अपने-अपने घरों में ही रहते थे. क्योंकि उनके माता-पिता इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, दोनों ने स्कूल में रहते हुए ही डेटिंग शुरू कर दी थी. लेकिन 2024 इस जोड़े के लिए काफी संघर्ष भरा रहा. मार्च में, उन्होंने एक मंदिर में शादी कर ली थी. उसी महीने, महिला के परिवार ने आरोपी के खिलाफ जबरन शादी, अपहरण और बलात्कार के आरोप में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. मई में, आरोपी पति ने पश्चिम विहार में महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. फिर आखिरकार 1 सितंबर को 21 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर महिला की हत्या कर दी.
13 साल की उम्र में दर्ज नहीं किया रेप का केस
महिला के माता-पिता का पुलिस के बयान से अलग दृष्टिकोण था – उन्होंने कहा कि उनकी बेटी और वह व्यक्ति बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे. वह व्यक्ति तब से उनकी बेटी का पीछा कर रहा था. माता-पिता ने आगे आरोप लगाया कि जब वह 13 साल की थी, तब महिला ने ख्याला पुलिस से संपर्क किया था लेकिन तत्कालीन 15 वर्षीय आरोपी के खिलाफ उसकी बलात्कार की शिकायत स्वीकार नहीं की गई थी. महिला की मां ने कहा कि पीड़िता आरोपी के साथ रिश्ते में थी, लेकिन उसे अक्सर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. मां का आरोप है कि वह पीछा करता था और मेरी बेटी को परेशान करता था. उसने उसके कुछ वीडियो भी बनाए थे और उसे ब्लैकमेल करना जारी रखा. उसने अपनी इज्जत बचाने के लिए सब कुछ किया. मां ने कहा कि 1 सितंबर को उसकी हत्या के बाद, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि उसने 2018 में बलात्कार की शिकायत के साथ पुलिस से संपर्क किया था.
एक बार पहले भी किया था कातिलाना हमला
अधिकारियों को यह भी पता चला कि इस साल 16 मई को, उस व्यक्ति ने कथित तौर पर महिला पर हमला किया और उसे पश्चिम विहार के एक पार्क में मरने के लिए छोड़ दिया, लेकिन महिला लगभग 15 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद बच गई. जांचकर्ता ने कहा कि हमले के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि वह उस समय फरार हो गया था. पुलिस ने बताया कि आखिरकार 31 अगस्त की रात को दोनों की मुलाकात हुई और जब महिला ने उसके साथ रहने पर जोर दिया तो दोनों के बीच बहस हो गई. इस दौरान महिला ने कथित तौर पर उसके चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर कई बार चाकू से वार किया और उसे कार में मरने के लिए छोड़ दिया. जांचकर्ता ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब महिला ने अपनी शादी के तुरंत बाद मार्च में ख्याला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की.
महिला ने आरोप लगाया कि फरवरी में उस व्यक्ति ने दो अलग-अलग मौकों पर उसके साथ बलात्कार किया और उस पर जबरन शादी करवाई गई. जब कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो महिला ने अप्रैल में कोर्ट का रुख किया और 21 सितंबर को कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. उसी दिन एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी. पीड़िता की मां का आरोप है कि अगर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो उनकी बेटी की जान आज बच गई होती.
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FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 14:35 IST