चंडीगढ़. हरियाणा में बुधवार से विधानसभा का तीन दिन का सत्र शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बिना नेता विपक्ष के ही इस बार सेशन में कांग्रेस पार्टी हिस्सा लेगी. पार्टी की तरफ से मीटिंग में नेता विपक्ष पर फैसला नहीं हो पाया है. हालांकि, एक नाम पर खासी चर्चा है. पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गत नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खास और करीबी विधायक गीता भूक्कल को नेता विपक्ष बनाया जा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के विरोधी गुट के निशाने पर हैं. ऐसे में हुड्डा नया दांव चलते हुए अपनी करीबी गीता भुक्कल को कमान दिलाकर मास्टरस्टोक खेल सकते हैं.
दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त थी कि वह प्रदेश में सरकार बनाएगी. इस दौरान टिकट आवंटन लेकर हर चीज में हुड्डा की चली. कुमारी सैलजा को इतनी तवज्जों नहीं दिया. लेकिन चुनाव में हार के बाद हुड्डा निशाने पर आ गए. उन्हीं की पार्टी में विरोधी गुट के नेता उनसे निशाने पर ले रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी पर नेता विपक्ष की कमान किसी और को देने के लिए दवाब है.
33 विधायक हुड्डा के समर्थक
हालांकि, हुड्डा को नेता विपक्ष का पद ना देना आसान काम नहीं है. क्योंकि 37 विधायकों में से 33 उनके समर्थक हैं. चंडीगढ़ में हुई मीटिंग में उनके नाम पर सहमति नहीं बनी थी, लेकिन पार्टी हाईकमान पर फैसला छोड़ा गया था. हालांकि, अंदरखाते सभी हुड्डा को नेता विपक्ष बनाना चाहते हैं और चाह रहे हैं कि हाईकमान की तरफ से यह फैसला होगा तो भी सभी को मानने में परेशानी नहीं होगी और हाईकमान के खिलाफ आवाज उठाना भी आसान बात नहीं है.
कौन हैं गीता भूक्कल
गीता भूक्कल लगातार पांच बार की विधायक हैं. कलायत से उन्होंने पहली बार 2005 में चुनाव लड़ा और जीता था. लेकिन बाद में झज्जर सीट से वह लड़ती और जीतती आ रही हैं. वह हुड्डा कार्यकाल में शिक्षा मंत्री भी रही हैं और हुड्डा के करीबियों में गिनी जाती हैं. अहम बात है कि बीते रोज चंडीगढ़ में हरियाणा की बिजनस एडवायजरी कमेटी की मीटिंग में हुड्डा को भी बुलाया गया था. लेकिन हुड्डा ने खुद आने के बजाय गीता भूक्कल को यहां भेजा था और इस कारण अब वह चर्चा में हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 14:42 IST