जैसलमेर. राज्य में घटती ऊंटों की संख्या से चिंतित राज्य सरकार जैसलमेर में देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर खोलने जा रही है. रेगिस्तानी इलाके में ऊंट केवल यात्रा का ही साधन नहीं बल्कि जीवनयापन का भी जरिया है. कई जनजातियों का जीवन इसी के इर्द-गिर्द निर्भर करता है. इसके लिए जैसलमेर के देगराय ओरण की 100 एकड़ भूमि पर वेदांता समूह की सहायक टाको आर्गेनाइजेशन ने दौरा भी किया है.
रिपोर्ट के आधार पर योजना को मिलेगा अंतिम रूप
राज्य सरकार के निर्देशानुसार टाको आर्गेनाइजेशन की टीम जैसलमेर के देगराय ओरण की जमीन और ऊंटों की संख्या की जानकारी लेने पहुंची. टीम के साथ जैसलमेर पशुपालन विभाग के कर्मचारी और साथ में ही पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ उमेश वरगंटीवार भी मौजूद थे. टीम ने जैसलमेर के देगराय ओरण में जमीन की उपलब्धता, ऊंटों की संख्या और समस्याओं पर विस्तार से जानकारी लेकर रिपोर्ट बनाई. ये रिपोर्ट टाको आर्गेनाइजेशन को सबमिट की जायेगी जिसके आधार पर रेस्क्यू और अनुसंधान केंद्र की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.
जैसलमेर में देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर
जैसलमेर के पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह बताया कि ‘हम लंबे समय से ऊंट के संरक्षण के लिए केंद्र खोलने की मांग रख रहे थे क्योंकि ऊंट की संख्या लगातार कम होती जा रही है. अब टाको आर्गेनाइजेशन की पहल से जैसलमेर में देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर खुल रहा है जहां ऊंट का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ जैसलमेर बल्कि आस-पड़ोस के जिलों के ऊंट पालकों को भी फायदा होगा.’
पशु कल्याण के लिए समर्पित टाको आर्गेनाइजेशन
आपको बता दें कि वेदांता तेल और गैस एजेंसी बाड़मेर जिले में काम करती है. इस कंपनी की अनुसंधान संस्था टाको आर्गेनाइजेशन पशु कल्याण के लिए काम करती है. पहले ये कंपनी बाड़मेर जिले में ऊंटों के लिए रेस्क्यू सेंटर स्थापित करना चाहती थी लेकिन राज्य सरकार के साथ वार्ता के बाद जैसलमेर क्षेत्र में ऊंटों की उपलब्धता और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जैसलमेर जिले का चयन किया गया है.
FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 19:47 IST