चंडीगढ़ः शंभू बॉर्डर पर बीते रविवार को पुलिस के साथ दिल्ली कूच करने आए किसानों की झड़प देखने को मिली. इस पूरे मामले को लेकर अंबाला पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया है और प्रदर्शनकारी किसानों पर गंभीर आरोप लगाया है. पुलिस ने प्रेस नोट में बताया, ‘प्रशासन द्वारा दिल्ली कूच जत्थें में शामिल किसानों से बार-बार पहचान बताने की अपील की जाती रही. किसानों के जत्थे में उग्र किस्म के लोग शामिल रहे, जिन्होंने बार-बार पुलिस मोर्टा को गिराने के लिए रस्सों में लोहे की नुकीली कुंडियां बांधकर मोर्चे को गिराने का भरसक प्रयास किया.’
पुलिस ने किसानों पर फूल बरसाए
पुलिस ने प्रेस नोट में बताया, ‘फिर से इस जत्थे में कोई भी जिम्मेदार किसान नेता दिखाई नहीं दिया. पुलिस प्रशासन द्वारा संयम बरतते हुए किसानों को मोर्चे से पीछे रहने व कानून व्यवस्था ना बिगाड़ने की बार-बार चेतावनियां दी गई. इस दौरान पुलिस द्वारा किसानों पर फूलों की वर्षा भी की गई. पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कार्यवाही अमल में लाई गई.’
औजारों का इस्तेमाल कर मोर्चे को गिराने की कोशिश
पुलिस ने प्रेस नोट में बताया, ‘माननीय महानिरीक्षक अंबाला मंडल श्री शिबास कबिराज ने बताया कि किसानों द्वारा फिर से हंगामा कर अपने औजारों से मोर्चा गिराने का भरसक प्रयास कर उत्पात मचाया. उन्होंने बताया कि किसी को भी कानून व्यवस्था हाथ में नहीं लेने दी जाएगी और जो भी नियमों की अवेहलना करता है उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि उक्त किसान मोर्चा संगठन दिल्ली प्रशासनिक अनुमति लेकर स्थानीय प्रशासन को दिखाकर दिल्ली कूच करें.’
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
बता दें कि शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर किसान डटे हुए हैं. किसान लगातार दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं. रविवार को उन्होंने एक बार फिर दिल्ली कूच की कोशिश की, हालांकि बाद में उसे स्थगित कर दिया. इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन मामले पर सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने की अपील की गई है.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई है कि कोर्ट केंद्र समेत पंजाब और हरियाणा सरकार को हाईवे खोलने का आदेश दें, और राष्ट्रीय राजमार्गों को खाली किया जाये. बीते सात नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका देने वाले गौरव लूथरा का कहना है कि सीमा बंद करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 09:43 IST