उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में चल रहे सिल्क ऑफ़ इंडिया एग्ज़िबिशन ने साड़ी प्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर लिया है. यहां देशभर से आए व्यापारियों ने अपने विशेष सिल्क कलेक्शन का प्रदर्शन किया है, जिसमें बनारसी सिल्क की शानदार साड़ियां प्रमुख हैं. खास बात यह है कि इन साड़ियों की कीमत 300 रूपए से शुरू होकर डेढ़ लाख रुपए तक पहुंच रही है.
बनारस से आए व्यापारियों ने बताया कि बनारसी सिल्क की साड़ियां तैयार करना बेहद श्रमसाध्य और समय लेने वाला कार्य है. एक साड़ी को तैयार करने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है. वहीं कुछ विशेष डिज़ाइनों के लिए एक साल तक का समय भी लग जाता है. इन साड़ियों को बनाने के लिए सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के धागों का उपयोग किया जाता है. जिससे साड़ियों का लुक खिलकर आता है.
सिल्क की कई वैरायटी है उपलब्ध
एग्ज़िबिशन में बनारसी सिल्क के अलावा कांजीवरम, पटोला, बालूचरी, तांत और चंदेरी जैसी पारंपरिक साड़ियां भी देखने को मिल रही है. व्यापारियों का कहना है कि इन साड़ियों की बुनाई में पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक डिज़ाइनों का अनूठा मेल किया गया है. साड़ियों के इन कलेक्शनों ने महिलाओं को काफी उत्साहित कर दिया है.
बनारसी सिल्क की हमेशा बनी रहेगी डिमांड
एग्ज़िबिशन में बड़ी संख्या में महिलाएं साड़ियां खरीदने और इनके बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंच रही हैं. किसी को शादी के लिए भारी-भरकम साड़ी चाहिए, तो कोई हल्के और स्टाइलिश डिज़ाइन में रुचि दिखा रहा है. व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी और शादी के सीज़न को देखते हुए यह कलेक्शन तैयार किया गया है. साड़ियों की कीमत भले ही लाखों में हो, लेकिन उनकी अनोखी बनावट और गुणवत्ता के चलते ग्राहक उन्हें खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. व्यापारी मानते हैं कि बनारसी सिल्क जैसी पारंपरिक साड़ियों की मांग हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि ये भारतीय संस्कृति और शिल्प कौशल का प्रतीक है.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 18:04 IST