सतारा. महाराष्ट्र के सतारा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला का इकलौता बेटा बचपन में गुम हो गया था. महिला अपने गुमशुदा बच्चे की बांट जोहते-जोहते बूढ़ी हो गई. फिर 27 साल बाद एक दिन उसके दरवाजे पर एक बाबा ने दस्तक दी. उस बाबा ने दावा किया कि वही उसका बेटा है, जो बचपन में खो गया था. यह सुनकर बुर्जुग महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. हालांकि उसकी खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी. जिस बेटे को वह बुढ़ापे का सहारा मान रही थी, वहीं उसे बड़ा सदम दे गया.
दहीवाड़ी पुलिस ने हालांकि अब इस फर्जी बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का मुताबिक, इस बाबा का नाम एकनाथ रघुनाथ शिंदे है, जो जलगांव जिले के जामनेर तहसील स्थित ओझर बुद्रक का रहने वाला है. उसने 27 साल पहले लापता बेटे का नाटक कर बुजुर्ग महिला को धोखा दिया और उसकी पूरी संपत्ति हड़प ली.
क्या है पूरा मामला
दहीवाड़ी गांव की द्वारकाबाई विष्णु कुचेकर का इकलौता बेटा 1997 में खो गया था. परिवार और पुलिस ने मिलकर काफी खोजबीन की, लेकिन बेटा नहीं मिला. इस दौरान द्वारकाबाई को उम्मीद थी कि उनका बेटा एक दिन लौटेगा.
दो साल पहले एक व्यक्ति साधु के वेश में द्वारकाबाई के घर पहुंचा और उनसे कहा, ‘मां, क्या आप मुझे पहचानती हैं?’ इस पर द्वारकाबाई ने उन्हें गले लगा लिया और उन्हें अपना बेटा मान लिया. इस विश्वास में उन्होंने राशन कार्ड, आधार कार्ड समेत अपनी सारी संपत्तियां उनके नाम कर दीं.
10 साल पहले आया था संपर्क में
जांच में सामने आया कि 10 साल पहले आरोपी शिंदे भिक्षा मांगने के बहाने द्वारकाबाई के घर पहुंचा था. उस समय उसने महिला से उनके बेटे और संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल की थी.
गांववालों ने जताया शक, हुआ पर्दाफाश
द्वारकाबाई की मौत के बाद आरोपी ने घर की सभी रस्में पूरी कीं और सारी संपत्ति अपने कब्जे में ले लिया. वह कुछ समय के लिए गायब हो गया, लेकिन इस वर्ष फिर से लौट आया. इस बार ग्रामीणों को उस पर संदेह हुआ, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी. जांच में खुलासा हुआ कि वह वृद्ध महिला का बेटा नहीं था, बल्कि एक फर्जी बाबा था.
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी एकनाथ शिंदे को गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की आगे जांच कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 16:08 IST