गया : बिहार के दूसरे सबसे बडे अस्पताल और मगध प्रमंडल का सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करीब दो साल से मरीजों को अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं मिल रही है. इसकी मुख्य बजह रेडियोलॉजिस्ट की कमी है. ऐसे में दूर दराज से आये मरीजों को डॉक्टर अल्ट्रासाउण्ड जांच लिखते हैं तो उन्हें बाहर से निजी क्लिनिक में अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में यह समस्या पिछले दो साल से बरकरार है.
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों को नही मिल पा रही है. कुछ साल पहले यहां तीन डॉक्टरों के रहने पर सप्ताह में प्रत्येक दिन अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिल पा रही थी. इसके बाद एक डॉक्टर के चले जाने से सप्ताह में दो से तीन दिन यह सुविधा मिलने लगी. इसके बाद एक और डॉक्टर के चले जाने के बाद यह सुविधा आम मरीजों के लिए बंद कर दी गयी है. इस तरह करीब दो साल से यहां मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
गौरतलब हो कि अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन 1500-1800 मरीज ओपीडी में विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने आते हैं. इनमें से औसतन 300 मरीजों का अल्ट्रासाउंड जांच लिखा जाता है. यह सुविधा बंद हो जाने के कारण लोगों को निजी क्लिनिक में जाना पड़ता है. जहां एक हजार से 12 सौ रुपये तक अल्ट्रासाउंड के लिए शुल्क देना पड़ता है. उसके बाद रिपोर्ट लाकर यहां डॉक्टरों से दिखाकर अपना इलाज करवाते हैं.
इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ एन के पासवान ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसके लिए विभाग को लिखा गया है. अब तक कोई डॉक्टर नहीं मिल पाया है. एक डॉक्टर है जो मेडिको लीगल कार्य करते हैं. इस कारण अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. रोजाना 250-300 मरीजों को अल्ट्रासाउंड लिखा जाता है लेकिन यहां चिकित्सक नही होने के कारण बाहर में मरीज अल्ट्रासाउंड कराते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 22:49 IST