धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित विश्व विख्यात शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 14 जनवरी को होने वाले जिला स्तरीय मकर संक्रांति घृत मंडल पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. यहां मकर संक्रांति का पर्व धूम धाम से मनाया जाएगा जिसके लिए विशेष तैयारियां किया जाता है. शनिवार को माता की पिंडी पर चढ़ने वाले मक्खन को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
आपको बता दें कि ऐसी प्रथा है कि मकर संक्रांति के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा घी दिया जाता है, जिस घी से पुजारी मक्खन बनाते हैं. इस कड़ी में घी से मक्खन बनाने की प्रक्रिया के प्रथम चरण का विधिवत पूजा अर्चना शुभारंभ किया गया.
घी से बनाया जाता है मक्खन
इस बारे में मंदिर के पुजारी भूषण शर्मा ने मंदिर अधिकारी नीलम राणा से विधिवत पूजा अर्चना करवा शुरुआत करवाई थी. पूजा-अर्चना में ट्रस्ट सदस्य अशोक हिमाचली, उमाकांत और सदन शर्मा भी मौजूद रहे. पूजा अर्चना के उपरांत पुजारियों को डेढ़ क्विंटल घी प्रदान किया गया. डेढ़ क्विंटल घी को मक्खन में परिवर्तित करने की प्रक्रिया अब शुरू हो जाएगी.
क्या है मान्यताएं और इतिहास?
यह एक पौराणिक मान्यता है अनुसरण सालों से किया जा रहा है मान्यता के अनुसार मक्खन रूपी इस प्रसाद को खाया नहीं जाता अपितु शरीर पर लगाने से यह प्रसाद राम बाण का काम करता है. इस दिन भारी संख्या में मंदिर पहुंच कर श्रद्धालु माता का आशीर्वाद रूपी प्रसाद ग्रहण करते हैं. पंडित निशांत शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं.
क्या बोली मंदिर अधिकारी ?
मंदिर अधिकारी नीलम राणा ने बताया कि करीब 21 क्विंटल मक्खन से माता की पिंडी का शृंगार किया जाएगा. 14 जनवरी को माता की पिंडी पर मक्खन चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होगी. सातवें दिन मक्खन उतारा जाएगा, फिर इसे प्रसाद के तौर पर श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 17:57 IST