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Rajasthan Politics : राजस्थान कांग्रेस ने भजनलाल सरकार की ओर से किए गए ‘यमुना जल समझौते’ पर कई सवाल उठाए हैं. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस समझौते को प्रदेश की जनता के साथ ‘विश्वासघात’ करार दिया है. जानें डोटासरा ने क्या…और पढ़ें
जयपुर. राजस्थान के नए जिलों और अंग्रेजी मीडियम स्कूल के मुद्दों के बाद अब कांग्रेस भजनलाल सरकार के ‘यमुना जल समझौते’ पर उखड़ गई है. इसको लेकर राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे राजस्थान की जनता के साथ ‘छल’ बताया है. डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने यमुना जल समझौते को लेकर राजस्थान की जनता के साथ विश्वासघात किया है. MoU में राजस्थान के हितों को गिरवी रखकर हरियाणा को मालिक बनाने वाली भाजपा सरकार शेखावाटी की जनता को भ्रमित करके थोथी वाह-वाही लूटना चाहती है.
डोटासरा ने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि 17 फरवरी 2024 को राजस्थान और हरियाणा के बीच नए सिरे से DPR बनाने के लिए हुए MoU में 1994 के मूल समझौते की शर्तों का उल्लंघन और राजस्थान के हितों का आत्मसमर्पण है. नए समझौते के अनुसार हरियाणा को पहले 24000 क्यूसेक पानी मिलेगा. उसके बाद यदि पानी बचेगा या बारिश के मौसम में अतिरिक्त पानी आएगा तब राजस्थान को दिया जाएगा. इसकी पुष्टि स्वयं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 7 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक के बाद की है.
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समझौते में राजस्थान के हितों को सरेंडर किया गया है
डोटासरा ने आरोप लगाया कि इस समझौते में राजस्थान के हितों को सरेंडर किया गया है. सबसे बड़ी नाकामी यह है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरियाणा की मनमर्जी के आगे घुटने टेक दिए. जल बंटवारे पर केंद्रीय जल आयोग का नियंत्रण होता है. लेकिन इसके बावजूद हरियाणा ने अपनी मर्जी से 24000 क्यूसेक पानी तय कर लिया. जबकि पहले हरियाणा का दावा केवल 13000 क्यूसेक और बाद में 18000 क्यूसेक पानी पर था.
सीएम ने बिना सोचे समझे समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए
पीसीसी चीफ ने कहा कि राजस्थान के हितों से खिलवाड़ होने के बाद भी सीएम भजनलाल ने बिना सोचे समझे समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए.यह समझौता पूर्णत: हरियाणा के सामने राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ है. भाजपा सरकार राजनीतिक डर से 11 महीने बाद भी ना तो MoU को सार्वजनिक कर पा रही है और ना ही और ना ही जनता के सामने प्रगति रिपोर्ट पेश कर पा रही है. सरकार को 17 जून 2024 तक नई DPR बनानी थी. शेखावाटी की जनता को युमना का पानी पहुंचाने के लिए हमारी कांग्रेस सरकार ने मूल समझौते के तहत 31000 करोड़ की DPR बनाकर केंद्रीय जल आयोग को भेजी थी, लेकिन तब केंद्र की मोदी सरकार ने परियोजना को आगे बढ़ने नहीं दिया.
नए समझौते में हरियाणा पहले अपने हितों की पालना करेगा
उन्होंने कहा कि 1994 के मूल समझौते के अनुसार राजस्थान के तीन जिलों को 1.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना था. इसके साथ ही मूल समझौते के अनुसार सभी राज्यों को Pro Rata Basis यानी पानी की उपलब्धता के अनुपात के अनुसार पानी मिलना था. इसके विपरीत प्रदेश की भाजपा सरकार के नए समझौते में हरियाणा पहले अपने हितों की पालना करेगा और फिर अतिरिक्त पानी बचा तो राजस्थान को देगा. यह पूरी तरह से राजस्थान की जनता के साथ छल है.