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आलू में लगने वाला झुलसा रोग है बेहद खतरनाक, ऐसे करें बचाव, कृषि एक्सपर्ट दे रहे हैं सलाह

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Purnia News : पूर्णिया कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के एम सिंह ने न्यूज 18 लोकल से बात करते हुए बताया की अभी कई किसान आलू में झुलसा बीमारी लगने से परेशान है. उन्होंने कहा आलू की खेती में झुलसा रोग के बचाव…और पढ़ें

पूर्णिया : आलू की खेती करने वाले किसान अक्सर आलू की खेती को लेकर चिंतित रहते हैं. दरअसल आलू की खेती में झुलसा बीमारी लगने से पूरा खेत बर्बाद हो जाता है. खासकर पिछाती आलू की खेती वाले किसान आलू में झुलसा बीमारी लगने से अपने उत्पादन को लेकर परेशान रहते है, लेकिन अब किसानों को आलू में झुलसा की बीमारी खत्म करने का सबसे बेहतर और आसान उपाय अपनाना चाहिए.

चलिए बताते है कैसे करें अपने आलू के फसल को झुलसा बीमारी से मुक्त
पूर्णिया कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के एम सिंह ने न्यूज 18 लोकल से बात करते हुए बताया की अभी कई किसान आलू में झुलसा बीमारी लगने से परेशान है. उन्होंने कहा आलू की खेती में झुलसा रोग के बचाव करने का अभी सही अवस्था है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी जो मौसम का मिजाज है वह बड़ा गड़बड़ चल रहा है. वही तापमान गिरा हुआ है सापेक्षता बढ़ी हुई है और ठंड भी काफी है और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो रही है, जिससे आलू के फसल में झुलसा रोग बढ़ने का खतरा रहता है.साथ ही साथ उन्होंने कहा मधुवा कीट का भी प्रकोप इस कारण बढ़ने लगता और यह विषाणु धीरे धीरे प्रजनन कर पूरे खेत में फैल जाता है.

झुलसा बीमारी का ऐसे करें पहचान
ऐसे में उन्होंने कहा आप देखेंगे कि जब आलू की फसल में झुलसा बीमारी लगती है तो सबसे पहले पत्ता पीला होने लगता और सिकुड़न के साथ पत्ता भूरा और डंटल पत्ती सब काला होने लगता है जिसके बाद आलू की फसल के पौधे धीरे धीरे सूखने लगते हैं, जिससे किसान भाईयों की आलू की फसल बर्बाद हो जाती है जिससे उन्हें मुनाफा के बजाय नुकसान सहने पड़ते हैं. लेकिन समय रहते इसका आसानी से उपचार किया जा सकता है.

ऐसे करें झुलसा बीमारी से बचाव, जानें सही उपचार
पूर्णिया कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के एम सिंह ने बताया की जब भी किसान भाई के खेत में लगे आलू में झुलसा बीमारी या मधुवा कीट का प्रकोप बढ़ जाये तो ऐसी स्थिति में आपको बचाव का पहला काम यह करना होगा. इसकस लिए सबसे पहले आपको अपने आलू के फसल में इंडोफिल एम 45 नाम की दवा या मैनकोजेब दवाई को 2 से ढाई ग्राम दवा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें.वही इन दवाइयों का छिड़काव सुबह या देर शाम में नियमित 10 दिनो के अंतराल पर लगातार करें.

आप का आलू का फसल बहुत जल्द झुलसा जैसा गंभीर बीमारी से मुक्त हो जायेगा. वही अगर किसी विशेष जानकारी के इक्छुक है या खेती से जुड़े कोई जानकारी लेना चाहते है तो आप पूर्णिया केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के एम सिंह से उनके कार्यालय जलालगढ़ मे मिल सकते है या सीधा इस नंबर पर 9430613389 फोन कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.



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