Last Updated:
Kumbh Mela: प्रयागराज में शुरू हुए महाकुंभ में बड़ा उदासीन अखाड़ा की शोभायात्रा में साधु-संतों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्डधारी और मूंछों के लिए प्रसिद्ध राजेंद्र कुमार तिवारी शामिल हुए. वहीं यूक्रेन से आई महिला भक्त जरीन भी शामिल हुईं. आइए जानते हैं दोनों ने…और पढ़ें
प्रयागराज. महाकुंभ का शुभारंभ होने से कुछ घंटे पहले बड़ा उदासीन अखाड़ा की शोभायात्रा निकाली गई. इसमें अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्डधारी और मूंछों के लिए प्रसिद्ध राजेंद्र कुमार तिवारी शामिल हुए. उनकी वेशभूषा से वे आकर्षण का केंद्र बन गए. उनकी वेशभूषा की बात की जाए तो अपने सिर पर एक भूत भयंकर और उसके ऊपर सिंह का प्रतिरूप लगाया था. इसी शोभा यात्रा में साधु संतों का आशीर्वाद लेने के लिए यूक्रेन की महिला भक्त जरीन भी शामिल हुईं.
राजेंद्र कुमार तिवारी ने स्वच्छता को लेकर कुछ नारे भी अपने पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित किए जिसमें लिखा है, ‘नदी नहीं संस्कार है गंगा, कृपया चाट खाकर पत्तों को कूड़ेदान में डालें, स्वच्छ महाकुंभ, स्वच्छ प्रयागराज, नहीं रुकेंगे स्वच्छ करेंगे, प्रकृति का ना करें हरण, आओ बचाए पर्यावरण. कुंभ मेले में स्नान और दान की परंपरा है. माना जाता है कि विशेष पर्व और दिवसों में पवित्र गंगा जल में शक्तियां होती हैं. यहां स्नान लाभकारी माना जाता है. स्नान के बाद श्रद्धालु गरीबों को दान देते हैं, जिसमें वस्त्र, अन्न और अन्य जरुरत की चीजें शामिल होती हैं.
सीएम योगी का मिशन स्वच्छ कुंभ का सभी करें पालन
वहीं दूसरी तरफ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले राजेंद्र कुमार ने महाकुंभ की दिव्यता-भव्यता और स्वच्छता पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी ने जिस तरीके से स्वच्छता की मुहिम प्रयागराज में छेड़ी है मैं चाहूंगा कि उसे मुहिम का पालन यहां पर मौजूद सभी करें.
महाकुंभ दिव्य और भव्य, सरकार ने अच्छी की है व्यवस्था
वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन से आई हुई महिला भक्त जरीन ने न्यूज़ 18 नेटवर्क से बात करते हुए महाकुंभ की दिव्यता के बारे में बताया. यहां पर मिलने वाली व्यवस्था की तारीफ की. जरीन का कहना है कि वह इस महाकुंभ में कई चीजों को समझ कर जाएंगे. जरीन अपने सगे-संबंधी और साथियों को इस महाकुंभ में आने का न्योता भी दे रही हैं. इतना दिव्य भाव कुंभ की खबर देश-विदेश तक पहुंच चुकी है. 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान अनुष्ठानों, आध्यात्मिक प्रवचनों और सांस्कृतिक समारोहों के लिए लाखों लोगों के आने की उम्मीद है.