अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संयोजक हैंं.AAP-BJP हरियाणा चुनाव से पहले एक दूसरे पर हमलावर हैं.इसी बीच केजरीवाल ने बीजेपी को करारा जवाब दिया.
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी इस वक्त अरविंद केजरीवाल की लीडरशिप वाली आम आदमी पार्टी के खिलाफ हमलावर है. लगातार एक के बाद एक प्रहार किए जा रहे हैं. आगामी हरियाणा चुनाव के बीच AAP की तरफ से भी जबर्दस्त तरीके से BJP को आड़े हाथों लिया गया. बीजेपी ने AAP से जुड़े ऐसे-ऐसे मुद्दे उठाए, जो उसके लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकते थे. इसी बीच इस पूरे प्रकरण में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एंट्री मारी और ऐसा खेल कर दिया, जिसके बाद BJP पर AAP भारी पड़ती नजर आई.
दरअसल, बीजेपी की तरफ से अरविंद केजरीवाल पर पांच सवाल दागे गए. यह सवाल अन्ना आंदोलन से लेकर लोकपाल बिल तक उनके कोर मुद्दों से जुड़े हैं. पूछा गया कि 1- आपने अन्ना हजारे को धोखा क्यों दिया?, 2- किरण बेदी, शाजिया इल्मी, कुमार विश्वास और राज कुमार का भरोसा क्यों तोड़ा?, 3- आपने अपने बच्चों को धोखा क्यों दिया, उन्हें कसम देकर कांग्रेस से गठबंधन क्यों किया?, 4- आपने लोकपाल को अपना आदर्श बताया, लेकिन उसे नियुक्त करने के लिए कुछ नहीं किया., 5- आपने अपने आदर्शों के साथ विश्वासघात क्यों किया?
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केजरीवाल के मोहन भागवत से सवाल
आम आदमी पार्टी की तरफ से आरोपों पर जवाब दिया गया लेकिन अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नहीं बल्कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तरफ एक के बाद एक सवाल दागे. यूं कहें कि इनडायरेक्ट तरीके से AAP चीफ ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. केजरीवाल ने पूछा, “यह सुनिश्चित करना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि भाजपा अपने रास्ते पर बनी रहे. “मैं मोहन भागवत से पूछता हूं कि क्या वह आज की भाजपा के कार्यों से सहमत हैं… क्या मोहन भागवत ने कभी पीएम को ये काम करने से रोका है?”
नड्डा की टिप्पणी पर भी घेरा
केजरीवाल ने मई 2024 में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया, जहां नड्डा ने कहा था कि भाजपा “अब खुद चलती है”. कहा गया कि “आरएसएस भाजपा की मां की तरह है. क्या ‘बेटा’ इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी ‘मां’ को चुनौती देने लगा है? जिस ‘बेटे’ को आपने पाला-पोसा और प्रधानमंत्री बनाया – आज वही बेटा पलटकर मातृसत्तात्मक संगठन आरएसएस के प्रति अपनी अवज्ञा दिखा रहा है.”
CM की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहता था लेकिन…
केजरीवाल ने कहा कि उनके सवाल सिर्फ आरएसएस प्रमुख के लिए नहीं बल्कि देश से प्यार करने वाले हर व्यक्ति के लिए हैं और उन्होंने उनसे इन मुद्दों पर विचार करने को कहा. आरएसएस ने आरोपों पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की. केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहते जब तक कि वह आबकारी मामले में बरी नहीं हो जाते, लेकिन वकीलों ने उन्हें बताया कि मामला 10-15 साल तक खिंच सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 13:58 IST