अजमेर… पुष्कर मेले को यूं तो मुख्य तौर पर ऊंटों और गाय भैसों के मेले के नाम से जाना जाता है. यहां उनकी बिकवाली होती है. लेकिन इसके अलावा यहां पर ऐसी प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है जिसमें बड़ी मूंछ के लिए कई आदमी पहुंचते हैं और सबसे बड़ी मूंछे होने का दावा करते हैं.
मूंछों की लंबाई के अलावा कई प्रतिभागी अपने खास तरह से स्टाइल में सेट की गई मूंछ और दाढ़ी को प्रदर्शित करते हैं. मूंछों के अलावा उनका रंग पहनावा और आभूषण भी देखने लायक होता है.
मूंछ और साफा बांधने की होती है प्रतियोगिता
मेले मे पर्यटक विभाग की ओर से कई सारी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. इसमें मूंछ और साफा बांधने की प्रतियोगिता पर्यटकों को आकर्षित करती है. प्रतियोगिताओं के विजेताओं को नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह भेंट किए जाते हैं .
विदेशी पर्यटकों को भी है पसंद
विदेशी पर्यटकों को भी पुष्कर मेला काफी पसंद है. वह पुष्कर में होने वाले पुष्कर मेले की प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. विदेशी पर्यटकों को साफा बांधने की प्रतियोगिता काफी पसंद है. विदेशी पर्यटक साफा बांधने की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए व प्रतियोगिता जीतने के लिए इसकी पहले से तैयारी करते हैं.
पुष्कर मेला कहां और कब होगा
पुष्कर मेला जिसे पुष्कर ऊंट मेला भी कहा जाता है. इस मेले का इतिहास करीब 100 साल पुराना है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर झील के किनारे मेला आयोजित किया जाता है. यह स्थान विशेष रूप से भगवान ब्रह्मा के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. पुष्कर मेले में बड़ी तादाद लोग पहुंचते हैं. यहां देश के साथ-साथ विदेश से भी बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं.
कैसे पहुंचे पुष्कर
पुष्कर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अजमेर है, जो लगभग 14 किमी दूर है. यहां से आप बस या टैक्सी लेकर पुष्कर पहुंच सकते हैं. पुष्कर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा किशनगढ़ हवाई अड्डा है, जो लगभग 60 किमी दूर है. हालांकि, जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो पुष्कर से लगभग 150 किमी दूर स्थित है. किसी भी हवाई अड्डे से, आप बस ले सकते हैं और पुष्कर पहुंच सकते हैं. पुष्कर की यात्रा एक अद्वितीय अनुभव है, जो धार्मिकता, संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 13:52 IST