बेगूसराय. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा के बढ़ते जलस्तर के बाद कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया. जिला प्रशासन भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य कर रहा है. लेकिन बेगूसराय के तेघड़ा इलाके में, विशेष रूप से बरौनी जंक्शन से 2 किमी दूर मोधरापुरा क्षेत्र में, बाढ़ पूर्व तैयारी की पोल खुलती नजर आ रही है.
बाढ़ पीड़ितों का दर्द
मोधरापुरा के बाढ़ पीड़ितों ने लोकल 18 बिहार से बात करते हुए अपनी समस्याओं को साझा किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके इलाके में बाढ़ पूर्व तैयारी नाममात्र की ही की गई थी. अब तक न तो जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं और न ही किसी मंत्री या विधायक ने दौरा किया है. यह इलाका केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का संसदीय क्षेत्र है. ग्रामीणों ने बाढ़ से बचाव के लिए एक स्थायी समाधान भी सुझाया है, जो अगर अमल में लाया जाए, तो लगभग 2 लाख की आबादी को बाढ़ से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है.
उम्मीदों के सहारे जी रहे ग्रामीण
मोधरापुरा गांव पिछले 8 दिनों से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. हालात इतने गंभीर हैं कि यहां निरीक्षण करने आए अंचल अधिकारी को बाढ़ पीड़ितों ने 9 घंटे तक बंधक बनाए रखा, क्योंकि मदद मिलने में देरी हो रही थी. किसानों ने बताया कि उनके पशुओं के लिए न तो चारे का इंतजाम है, और न ही उनके खुद के लिए आश्रय की व्यवस्था की गई है. रिश्तेदारों के यहां जाना भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि अपनी संपत्ति और पशुओं को छोड़ना मुश्किल हो गया है.
इस बीच, डीएम बेगूसराय और एमएलसी राजीव कुमार ने अपनी टीम के साथ इलाके का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. लेकिन, कई लोग अभी भी प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं.
रिंग बांध से मिल सकती है स्थायी राहत
लोकल 18 ने बाढ़ पीड़ितों से पूछा कि वे बाढ़ से स्थायी राहत के लिए सरकार से क्या अपेक्षा रखते हैं. 61 वर्षीय मंगल सिंह ने बताया कि अगर एक रिंग बांध बनाया जाता, तो यह समस्या हमेशा के लिए हल हो जाती. उन्होंने कहा कि तेघड़ा से अमरपुर तक एक रिंग बांध बना दिया जाए, तो बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है. स्थानीय निवासी शेखर सिंह ने बताया कि हर साल 6 महीने तक बाढ़ के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:39 IST