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Budhni Upchunav Analysis: कांग्रेस क्यों हारी ये सीट, कैसे हुआ शह-मात का खेल?

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भोपाल. बीजेपी ने अपनी परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट बचा ली. पार्टी ने मध्य प्रदेश की इस अहम सीट पर पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को हरा दिया. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी की जीत का मार्जिन कम रहा. बीजेपी के रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 13846 वोट से हराया. बता दें, इस सीट पर पूरे प्रदेश की नजर थी. यहां बीजेपी और कांग्रेस की साख दांव पर थी. यह सीट उस वक्त खाली हुई थी, जब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र सरकार में मंत्री बन गए.

इसके बाद बीजेपी ने तगड़ी रणनीति के तहत रमाकांत भार्गव को चुनावी मैदान में उतार दिया. भार्गव की खासियत यह है कि इस सीट पर उनका कोई विरोधी नहीं. जनता को उनका सरल स्वभाव भी पसंद है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को भार्गव के खिलाफ चुनाव में उतार दिया. कांग्रेस ने इस चुनाव को जीतने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. लेकिन, जनता ने जीत का सेहरा बीजेपी के सिर बांधा. गौरतलब है कि इस सीट पर बीजेपी को बगावत के सुरों का भी सामना करना पड़ा. लेकिन, चुनाव प्रचार के आखिरी समय में सारे नेता एक होकर चुनाव लड़े. इससे बीजेपी की जीत का राह आसान हो गई.

ये हैं बीजेपी की जीत के 5 फैक्टर

1- बीजेपी की परंपरागत सीट
बुधनी बीजेपी की परंपरागत सीट है. इस सीट पर पार्टी लगातार चुनाव जीतती आ रही है. यहां की जनता का लोगों का पर अटूट विश्वास है. बीजेपी इस सीट पर जिसे भी टिकट देती है, जनता उसे जीत का सेहरा पहना देती है.

2- बीजेपा का बूथ मैनेजमेंट
बीजेपी ने बुधनी सीट पर जबरदस्त बूथ मैनेजमेंट किया. उपचुनाव का प्रचार-प्रसार शुरू होने से पहले ही पार्टी ने बूथ पर तैनात कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर दिया. कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर मतदाताओं को जागरूक किया.

3- बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव की सरलता
बीजेपी ने बहुत सोच-समझकर रमाकांत भार्गव को बुधनी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ाया. रमाकांत की जनता के बीच बेहतर छवि है. उनके ऊपर किसी भई तरह के आरोप का कोई दाग नहीं है. उनका सरल स्वभाव लोगों को पसंद है.

4- कार्तिकेय सिंह चौहान का मैनेजमेंट
इस सीट पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय ने प्रचार-प्रसार की कमान संभाली थी. उन्होंने मतदाताओं की बैठकें की तो की हीं, साथ ही घर-घर जाकर मतदाताओं से भी मिले. वे मतदाताओं को पार्टी की विचारधार और काम समझाने में कामयाब रहे.

5- पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान-सीएम मोहन यादव की जुगलबंदी
बुधनी उपचुनाव में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और सीएम डॉ. मोहन यादव की जुगलबंदी भी काम कर गई. दोनों नेताओं ने उपचुनाव होने से बहुत पहले मिलकर प्रचार की रणनीति बनाई. उन्होंने मतदाताओं तक पार्टी की पहुंच और मजबूत करने पर काम किया. उसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी इस चुनाव को आसानी से जीत गई.

Tags: Bhopal news, Mp news



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