शिमला/दिल्ली. हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार (Sukhu Sarkar) को ‘सुप्रीम’ राहत मिली है. मुख्य संसदीय नियुक्ति केस में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा ही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के 6 मुख्य संसदीय सचिवों (CPS Appointment Case) की नियुक्ति रद्द करने में सरकार को राहत मिली है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.
जानकारी के अनुसार, हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) की तरफ से छह सीपीएस की नियुक्ति रद्द कर दी गई थी और इस फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए हिमाचल सरकार और सीपीएस रहे विधायकों को भी नोटिस जारी किया है. इसके अलावा, हाईकोर्ट में याची रहे भाजपा विधायकों को भी नोटिस जारी किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बैंच ने शनिवार को सुनवाई के दौरान कह कि जिन विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव के पद से हटाया गया है, उनकी इस पद पर बहाली नहीं होगी, लेकिन अभी उन्हें विधायक के तौर अयोग्यता की कार्रवाई का सामना नहीं करना होगा. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब मांगा है. साथ ही इस पूरे मामले को इस तरह की मांग वाली छत्तीसगढ़, पंजाब और पश्चिम बंगाल की याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाईकोर्ट की जजमेंट का पैरा 50 ऑपरेट नहीं होगा और मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी 2025 को होगी.
क्या है मामला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार की तरफ से नियुक्त छह सीपीएस की नियुक्ति को अवैध और असंवैधानिक बताया था. इस मामले में हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और दुष्यंत दवे ने पैरवी की. इस संबंध में राज्य सरकार और पूर्व सीपीएस की ओर से तीन याचिकाएं दायर की गई हैं. साथ ही भाजपा ने केविएट पटीशन दाखिल की थी. छह विधायकों अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार चौधरी, पालमपुर से आशीष बुटेल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, बैजनाथ से किशोरी लाल और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर को मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था. 13 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट ने इनकी नियुक्ति से जुड़े कानून को भी रद्द कर दिया था.
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सीएम ने क्या कहा
शनिवार को दिल्ली पहुंचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैंने अभी फैसला पढ़ा नहीं है और मैं जिस मीटिंग में आया था, उसके बाद आज मेरी फिर एक मीटिंग है. CPS के फैसले के बारे में सुना है, लेकिन क्या फैसला आया है, वह मैंने सुना नहीं है. जब जजमेंट आएगा, तब सुनकर कुछ कहूंगा. सीएम ने कहा है कि जो हमारे एडवोकेट्स कहेंगे, तब मैं कुछ प्रतिक्रिया दूंगा. हमारी सरकार लोगों के सहयोग से अच्छा काम करती आ रही है. विपक्ष कभी टॉयलेट टैक्स तो कभी समोसा जैसे मुद्दे उठा लेता है. हिमाचल भवन की नीलामी के मुद्दे को लेकर कहा कि हिमाचल भवन पूरी तरीके से सेफ है.
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 12:16 IST