दौसा. दौसा जिले के चार बांधों को ईआरसीपी परियोजना में जोड़ा गया हैं. इसमें सिकराय उपखंण्ड के माधो सागर बांध का निर्माण रियासत काल में सन 1887 में हुआ था. बांध का कुल भराव क्षेत्र लगभग 22 मील है और इससे सिकराय क्षेत्र के करीब 25 गांवों को पेयजल आपूर्ति व 5000 हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई होती है. लेकिन अब इस बांध को ईआरसीपी प्रोजेक्ट में जोड़ा गया है जिसके बाद दर्जनों गांव के लोगों में खुशी झलक रही है.
यहां पर स्थित है माधो सागर बांध
सरपंच संघ अध्यक्ष विपिन मीणा ने बताया माधो सागर बांध सिकराय उपखंड क्षेत्र के घूमना गांव में स्थित है. इस माधो सागर बांध से दौसा व करौली की 3 तहसीलों सिकराय महुआ व टोडाभीम का भू जल संरक्षण प्राप्त होता था. देश विदेश के पक्षी संतानोत्पत्ति करने के लिए यहां आते थे. यह बांध ऐतिहासिक धरोहर भी है. इसकी सांस्कृतिक व पर्यटन स्थान के रूप में पहचान है. माधोसागर बांध में पानी मोरेली बांध से आता है. यह बांध भी प्राकृतिक है और इसका निर्माण है माधो सागर बांध में पानी लाने के लिए किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया शिलान्यास
सरपंच संघ अध्यक्ष विपिन ने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर आए थे और उनके द्वारा ईआरसीपी परियोजना शिलान्यास किया है. जिसके चलते दौसा जिले का सबसे बड़ा बांध माधो सागर बांध घूमना, मोरेल बांध, कालाखो बांध, सैंथल सागर बांध को जोड़ा गया है. इससे अब पानी आएगा और पानी आने से यहां के लोग आसानी से खेती कर सकेंगे और पीने के लिए भी पानी मिल सकेगा.
2006 में किया गया पानी का बंटवारा
वही दौसा जिले में ही मोरोली बांध से घूमना के माधो सागर बांध में पानी आया करता था परंतु तत्कालीन सरकार ने 2006 में एक समझौते पर मोरोली बांध के पानी का डायवर्जन डैम की दीवार को तोड़कर पानी का 75 : 25 के अनुपात में कर दिया. इसमें माधो सागर व भंडारी बांध के मध्य वितरण कर दिया गया था. अगर माधो सागर बांध में पानी आता है तो दौसा जिले के साथ ही गंगापुर जिले के दर्जनों गांव में भी आसानी से पानी की पूर्ति हो सकेगी और यहां के लोग खेती भी कर सकेंगे. यहां के लोगों का कहना है कि पहले बांध के पानी से अच्छी खेतों में कमाई हुआ करती थी लेकिन जब से बांध में पानी नहीं रहा है तब से खेतों में भी कमाई अच्छी नहीं हो रही है. पहले नहरों के माध्यम से पानी आया करता था लेकिन अब काफी वर्ष हो गए नहर का पानी आए हुए.
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक का जताया आभार
स्थानीय सरपंच एवं ब्लॉक सरपंच संघ अध्यक्ष विपिन मीणा के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंत्री डॉ किरोडी लाल मीणा और विधायक विक्रम बंशीवाल का आभार जताया है. उन्होंने कहा है कि बांध में पानी आने से दर्जनों गांव में आसानी से खेती के लिए पानी मिल सकेगा और पीने के लिए पानी मिल सकेगा. इसके लिए मंत्री डॉ किरोडी लाल मीणा के द्वारा काफी प्रयास किए गए थे. जिनकी मेहनत रंग लाई है और उसका लाभ अब जनता को मिलेगा.
पानी होता था तब यह बांध आता था काम
1887 में माधो सागर बांध का निर्माण करवाया गया था, जब इस बांध में पानी बढ़ता था तो इससे सिकराय, महुआ, टोडाभीम, नादौती तहसीलों के गांवों मे पानी की समस्या नहीं आती थी. पिछले कई वर्षों से यह बांध पानी के लिए तरस रहा है. जिससे सैकड़ों गांव में पानी की समस्या आ रही है. जब बांध में पानी रहता था तो तब यह मवेशियों के लिए वरदान साबित होता था और माधोसागर बांध को लोग पवित्र भी मानते थे.
वन विहार के लिए आती थी महिलाएं
इस बांध पर महिलाएं तीज व्रत, सोमवार व्रत पर वन विहार के लिए आती थी. वहीं जलझूलनी एकादशी पर ठाकुर जी का जल अभिषेक भी इसी बांध के अंदर किया जाता था और अन्य मंदिरों के भी ठाकुरजी का जलाभिषेक भी किया जाता था. इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु जमा होते थे लेकिन पिछले कई वर्षों से बांध में पानी नहीं होने के कारण ना तो ठाकुर जी का जलभिषेक किया जाता है और ना हीं महिलाएं वन सोमवार पर वन विहार के लिए आती है.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 19:08 IST