नई दिल्ली/चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे. कांग्रेस की जीत तय मानकर चल रहे पार्टी नेता और कार्यकर्ता नतीजे देखकर स्तब्ध रह गए. कुछ कार्यकर्ता इस बात को नहीं पचा पाए कि चुनाव प्रचार और एग्जिट पोल में कांग्रेस की आंधी दिखी, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए. उनके लिए इस तथ्य को पचा पाना भी मुश्किल हो रहा है कि कांग्रेस, हरियाणा में लगातार तीसरी बार हार गई है. मंगलवार सुबह जैसे ही मतगणना शुरू हुई, रुझानों में कांग्रेस हरियाणा में भारी बढ़त बनाती दिखी. कांग्रेस कार्यकताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया लेकिन यह जश्न ज्यादा देर नहीं टिक सका. अचानक रुझान तेजी से बदले और बीजेपी रुझानों में बहुमत में आ गई. फिर कांग्रेस वापसी नहीं कर पाई. देश की राजधानी के लुटियंस इलाके में 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस के मुख्यालय पर मंगलवार की सुबह कार्यकर्ताओं ने पटाखे छोड़े. जलेबियां बांटते हुए जश्न मनया लेकिन दोपहर होते-होते वहां सन्नाटा पसर गया.
हरियाणा में बीजेपी के जीत निश्चित रूप से अप्रत्याशित है. अप्रत्याशित इसलिए कि 10 साल सत्ता में रहने के बाद पार्टी के सामने एंटी-इनकमबैंसी थी. टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के कई नेताओं ने खुलकर बगावत कर दी थी. एग्जिट पोल में भी बीजेपी की हार की संभावना जताई गई. इन सबके बावजूद बीजेपी की जीत निश्चित रूप से बहुत खास है.
आइये डालते हैं बीजेपी की जीत के 4 बड़े कारणों पर एक नजर…
1. जाट बनाम गैर-जाट करने में सफल रही बीजेपी : बीजेपी हरियाणा चुनाव की लड़ाई को जाट बनाम गैर-जाट करने में सफल रही. गैर-जाटों को मैसेज दिया गया कि अगर हुड्डा सरकार वापस आई तो फिर वही आताताई सरकार आएगी जिसमें जीजा का बोलबाला होगा. दलितों में मैसेज दिया गया कि मिर्चपुर जैसे कांड होंगे.
2. कुमारी सैलजा की नाराजगी : दलितों में कुमारी सैलजा को सबसे बड़ा जाटव नेता माना जाता है. कुमारी सैलजा की नाराजगी के कारण यह वोट बैंक कांग्रेस से खिसका. इसके अलावा इसमें टर्निंग पॉइंट अशोक तंवर की वापसी से आया. इससे सैलजा की जाति में मैसेज गया कि हुड्डा ने उनका कद कम करने के लिए तंवर की वापसी कराई है.
3. संघ ने संभाली चुनाव की बागडोर : बीजेपी कैडर खट्टर से नाराज था. सैनी के सीएम बनने से भी ये मैसेज था कि सैनी खट्टर की ही परछाई हैं, इसलिए चुनाव की बागडोर संघ ने संभाली. संघ कैडर को वोटर्स को चुनाव बूथ तक ले जाने की ज़िम्मेदारी दी जिसने बीजेपी की बारी हुई सीटों को जीत में तब्दील किया.
4. राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयान : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयानों को भी बीजेपी ने चुनावी सभा में खूब भुनाया. इस मैसेज को दलितों की बस्ती में घर घर तक ले जाने का काम संघ के स्वयं सेवकों ने किया. कुछ सीटों पर आप के कैंडिडेट ने भी कांग्रेस के वोट काटने का काम किया.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 16:12 IST