शिमला. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आउटसोर्स भर्तियों पर बड़ा अहम आदेश जारी किया है. कोर्ट ने सभी ऑउटसोर्स भर्तियों पर रोक लगा दी है और सरकार से डाटा मांगा है. ऐसे में सुक्खू सरकार को बड़ा झटका लगा है.
दरअसअल, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स भर्तियों पर हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है. शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई और फिर कोर्ट ने अहम आदेश दिए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कॉरपोरेशन के तहत पंजीकृत सभी कंपनियों का डाटा बेवसाइट पर अपलोड किय जाए. जब तक सभी कंपनियों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगा, तब तक आउटसोर्स भर्तियों पर रोक रहेगी.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि प्रदेश में 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं और इसके बावजूद इनके जरिए हजारों लोगों को आउटसोर्स पर भर्ती किया जा रहा है. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.
सुक्खू सरकार कर रही थी भर्तियां
गौर करने वाली बात है कि हाल ही में सुक्खू सरकार बड़े पैमाने पर ऑउटसोर्स पर भर्तियां करने जा रही है. शिक्षा विभाग में छह हजार के करीब टीचर्स को ऑउटसोर्स पर रखने की प्रक्रिया चल रही है. इसी तरह, वन मंत्री और स्वास्थ्य विभाग ने नर्सों को भी ऑउसोर्स पर रखा जा रहा है. लेकिन अब 10 हजार के करीब पदों पर भर्ती रुक जाएगी. हिमाचल प्रदेश में 50 हजार के करीब ऑउटसोर्स कर्मचारी तैनात हैं. उधर, शिमला में 2100 से अधिक वोकेशनल टीचर पांच दिन से धरना दे रहे हैं और स्थायी पॉलिसी बनाने को लेकर मांग कर रहे हैं. क्योंकि इन्हें कंपनियों की तरफ से एरियर नहीं मिला है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 09:20 IST