शिमला. हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी (Himachal BJP) ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन उपचुनाव में भाजपा को मनमाफिक परिणाम नहीं मिले. एक माह में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में बागियों की वजह भाजपा को काफी नुकसान हुआ, लेकिन अब तक पार्टी भीतरघातियों और बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है. हिमाचल प्रदेश के ऊना (Una BJP Meeting) जिले में पार्टी कार्यसमिति की मीटिंग भी हुई, लेकिन, मीटिंग के बाद बागियों पर कार्रवाई को लेकर भाजपा ने चुप्पी साध ली और इतना कहा कि अब तक रिपोर्ट और शिकायत नहीं मिली है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में 40 दिन के भीतर कुल 9 सीटों पर उपचुनाव हुए. 1 जून को छह सीटों पर मतदान हुआ और इसमें भाजपा को दो पर ही जीत मिली, जबकि 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में भाजपा तीन में से एक ही सीट जीत पाई. ऐसे में उपचुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करते 6 और भाजपा ने 3 सीटों पर कब्जा किया. भाजपा को चुनाव में इतना ही फायदा हुआ कि उसकी सीटों की संख्या 25 से 28 हो गई. बाकी उपचुनाव में पार्टी की कमियों और तकरार जगजाहिर हो गईं.
कौन कौन हुआ था बागी, जिस पर नहीं हुई कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश में 1 जून को लाहौल स्पीति, धर्मशाला, बड़सर, कुटलेहड़, सुजानपुर और गगरेट में उप चुनाव हुए. धर्मशाला और बड़सर में ही पार्टी को जीत मिली. लाहौल स्पीति में भाजपा के पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा बागी होगए और चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे. इसी तरह, धर्मशाला में भाजपा के राकेश चौधरी ने बागी होकर आजाद चुनाव लड़ा. इसी तरह, अन्य सीटों पर भी भाजपा को भीतरघात का सामना करना पड़ा. अब इन सीटों पर हुए उपचुनाव को 50 दिन का वक्त बीत चुका है, लेकिन भाजपा ने अब तक बागियों पर कोई एक्शन नहीं लिया है.
सुजानपुर से पार्टी के पूर्व प्रत्याशी कैप्टन रणजीत सिंह ने पार्टी ही छोड़ दी और फिर कांग्रेस के टिकट पर जीते. गगरेट में भाजपा नेता राकेश कालिया ने पार्टी छोड़ी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत गए. कुटलेहड़ में पूर्व मंत्री की भुट्टो को टिकट देने पर बगावत जगजाहिर हुई.
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नालागढ़ में बागी ले गया 13 हजार वोट
हिमाचल में 10 जुलाई को दोबारा 3 सीटों पर उपचुनाव हुए. यहां पर नालागढ़ में भाजपा का बागी 13 हजार से अधिक वोट ले गया और केएल ठाकुर की हार हुई. इसी तरह, देहरा में पूर्व भाजपा के मंत्री रमेश धवाला ने प्रत्याशी पर जमकर भड़ास निकाली. धवाला इससे पहले भी लगातार भाजपा नेताओं के खिलाफ बोलते रहे हैं. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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क्या बोले पार्टी के नेता रणधीर सिंह
गुरुवार को भाजपा कार्यसमिति की मीटिंग के बाद पार्टी के मीडिया विभाग के मुख्य प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि अभी पार्टी के पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है और ना ही इस पर चर्चा भी नहीं हुई है. जब रिपोर्ट आएगी तो देखा जाएगा. उधर, बिंदल ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस के जबड़ों से निकालकर चारों सीटें जीती हैं.
क्या कार्रवाई नहीं कर रही भाजपा
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चारों सीटों पर कब्जा किया था. लेकिन पूरे देश में भाजपा को मनमाफिक सीटें नहीं मिली थी. इस वजह से भाजपा बैकफुट पर आ गई थी. यूपी में भाजपा और चुनाव प्रबंधन पर सवाल उठने के बाद विवाद हुआ. ऐसे में भाजपा नहीं चाहती है कि अन्य प्रदेशों से भी विवाद और संगठन में तकरार, बगावत को लेकर खबरें सामने आए. हाल ही में 13 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा 2 ही सीटें पाईं और यूपी में पार्टी में तकरार को लेकर खूब चर्चा हुई. यही कारण है कि भाजपा नहीं चाहती कि अन्य प्रदेशों में भाजपा में गुटबाजी और उसकी छवि खराब हो. इस लिए भाजपा विपक्ष को बोलने का मौका नहीं देना चाहती है.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 09:46 IST