Success Story, Swami Mukundananda: यह एक ऐसे शख्स की कहानी है, जिसने आईआईटी और आईआईएम दोनों में पढ़ाई की, लाखों की नौकरी भी पाई, लेकिन एक झटके में सबकुछ छोड़कर एक दूसरे मिशन पर निकल गए.
यह कहानी है उस इंसान की, जो अब दुनिया में स्वामी मुकुंदानंद के नाम से जाने जाते हैं. इंजीनियर से संत बने मुकुंदानंद की कहानी काफी दिलचस्प है. मुकुंदानंद का जन्म 19 दिसंबर 1960 को हुआ. आम युवाओं की तरह उन्होंने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की. इसके बाद अपनी मेहनत से की गई पढ़ाई के दम पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में एडमिशन लिया, जहां से उन्होंने बीटेक का कोर्स पूरा किया. मुकुंदानंद यहीं नहीं रुके. आईआईटी जैसे संस्थान से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री करने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता में दाखिला लिया. इस तरह उन्होंने यहां से एमबीए की पढ़ाई पूरी की.
IIT, IIM Admission: मिल गई कॉरपोरेट की नौकरी
आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़ाई करने के बाद मुकुंदानंद को जल्दी ही एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (MNC) में अच्छे वेतन पर नौकरी मिल गई. उन्होंने इसे ज्वॉइन कर लिया और काफी समय तक वह कॉरपोरेट की नौकरी में रमे रहे, लेकिन उनका मन बहुत समय तक इसमें नहीं लगा.
Swami Mukundananda Jobs: और छोड़ दी नौकरी
कॉरपोरेट की नौकरी में मुकुंदानंद का मन लगा नहीं. असल में बचपन से उनका रुझान धर्म और आध्यात्मिक दुनिया की तरफ था, लेकिन आम युवाओं की तरह वह भी बाहरी दुनिया के प्रति आकर्षित थे. कुछ समय कॉरपोरेट की नौकरी करने के बाद उन्हें लगा कि वह वैसा जीवन नहीं जी पा रहे, जैसा वह चाहते हैं, जिसके बाद उन्होंने एक झटके में नौकरी छोड़ने का फैसला लिया और संन्यासी बन गए. उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया. इसके बाद मुकुंदानंद ने जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक प्रशिक्षण प्राप्त किया.
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Swami Mukundananda News: अब देश-दुनिया में देते हैं प्रशिक्षण
लाखों की नौकरी छोड़ने के बाद अब स्वामी मुकुंदानंद आध्यात्मिक गुरु के रूप में देश-दुनिया में लोगों को आध्यात्म का ज्ञान देते हैं. इसके अलावा योग और ध्यान का प्रशिक्षण भी देते हैं. उन्होंने जगद्गुरु कृपालुजी योग (JKYog) की स्थापना की है. इसके अलावा वह जगद्गुरु कृपालु विश्वविद्यालय के भी संस्थापक हैं. स्वामी मुकुंदानंद ने कई किताबें भी लिखी हैं.
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Tags: IIM Ahmedabad, Iit, IIT alumnus
FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 18:58 IST