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Integrated Farming: आज के समय में अगर आप खेती से मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको पारंपरिक खेती को छोड़ समेकित कृषि प्रणाली को अपनाना होगा.
बडी संख्या में किसान समेकित कृषि प्रणाली को अपना रहे हैं और कमाई बढ़ा रहे हैं
गया. समेकित कृषि प्रणाली यह एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए किसान कमाई बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं. समेकित कृषि प्रणाली खेती की एक ऐसी विधि है जिसमें फसल उत्पादन के साथ-साथ अन्य बिजनेस कर सकते हैं. पारंपरिक खेती करने वाले किसान शुरुआत में नए मॉडल को अपनाने में कतराते हैं, लेकिन जैसे ही मुनाफा होने लगता है, उन्हें यह रास आने लगता है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षो से बिहार में बड़ी संख्या में किसान समेकित कृषि प्रणाली को अपना रहे हैं और कमाई बढ़ा रहे हैं.
गया जिले के परैया प्रखंड क्षेत्र के झिकटिया गांव के रहने वाले दो भाई रविंद्र और बीरेन्द्र कुमार ने एक एकड़ में समेकित खेती कर रखी है. इन्होंने केले के फसल में गेंदा फूल, रजनीगंधा, चेरी, प्याज, आम और अमरूद का पेड़ लगा रखा है. बागवानी मिशन के तहत कृषि विभाग से इन्हें केला और आम, अमरूद का पौधा मिला था. आम, अमरूद और केला लगाने के बाद इनके खेत में खाली जगह बची हुई थी जिसमें इन्होंने गेंदा समेत कई फूल लगा दिए. उसके बाद भी कुछ जगह बच गई तो इसमें प्याज लगा दिया. इस तरह एक एकड़ की खेती में दोनों भाई कई तरह की फसल की खेती कर रहे हैं.
अच्छी आमदनी की उम्मीद
समेकित खेती उन्होंने पहली बार की है. इससे पहले दोनों भाई पारंपरिक धान गेहूं की खेती करते थे. लेकिन कृषि विभाग से इन्हें कई जगह प्रशिक्षण में जाने का मौका मिला और अलग-अलग जगहों पर मिश्रित खेती को देखा और वहां से विचार आया कि हम भी इस तरह से खेती कर सकते हैं. एक ही खेत में अलग-अलग खेती कर दोनों भाई जिले में अलग पहचान बना रहे हैं और जिले के कोई भी कृषि अधिकारी इनके खेती को देखने जरूर पहुंच रहे हैं. हालांकि, अभी शुरुआती दौर है जिस कारण आमदनी ज्यादा नहीं है लेकिन जैसे ही फलन शुरु होगा आमदनी अच्छी खासी होने की उम्मीद है. बता दें कि रविन्द्र बकरी पालन के अलावा मधुमक्खी पालन भी करते हैं. इसलिए इन्होंने केले के खेत में गेंदा और अन्य फूल की खेती शुरू की और इसी फूल के रस से मधुमक्खी शहद तैयार कर रही है. कूल मिलाकर कहा जाए तो एक खेत से किसान कई तरह की फसल का उत्पादन कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. लोकल 18 से बात करते हुए रविंद्र और विरेन्द्र बताते हैं कि शुष्क बागवानी के तहत पहले आम अमरूद लगाया जिसके बाद बागवानी मिशन के तहत केला का पौधा लगाया. तब भी खेत खाली था तो फूलों की और सब्जी की खेती शुरु कर दी.
Gaya,Gaya,Bihar
January 18, 2025, 14:10 IST