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Maharashtra New CM: गृह मंत्रायल नहीं अमित शाह के साथ मीटिंग में एकनाथ शिंदे ने रखी ये डिमांड, लेकिन सिरे हो गया खारिज

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Maharashtra New CM: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर चल रहा गतिरोध अब करीब-करीब थम गया है. बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होने वाली है. इस बीच एकनाथ शिंदे भी डिप्टी सीएम बनने को राजी हो गए हैं. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बीते करीब 10 दिनों से बने इस गतिरोध की मुख्य वजह क्या थी? टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने बीते सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में एक बड़ी डिमांड रखी थी. उन्होंने अमित शाह से कहा था कि उनको कम से कम छह माह के लिए सीएम की कुर्सी दी जाए. लेकिन भाजपा नेतृत्व ने शिंदे की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया.

महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम की कुर्सी छोड़ने का संकेत दिया था. लेकिन, उन्होंने दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में छह माह के लिए सीएम की कुर्सी मांगी थी. दरअसल, शिंदे भी जानते हैं कि भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद नौतिकता के आधार पर सीएम की कुर्सी उन्हें लेने का कोई अधिकार नहीं है.

जवाब नहीं दे पाए शिंदे
एक बड़े नेता के हवाले से छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के नेतृत्व ने शिंदे की इस मांग को खारिज कर दिया. अमित शाह ने कहा कि इससे गलत परंपरा की शुरुआत हो जाएगी. यह एक गलत फैसला होगा और इसका प्रशासन पर गलत असर पड़ेगा. 28 नवंबर को दिल्ली में हुई बैठक में शिंदे ने साफ तौर पर कहा था कि वह सरकार बनाने में कोई रोड़ा नहीं अटकाएंगे. सूत्र ने बताया कि शिंदे ने शुरू में भाजपा नेतृत्व को यह याद दिलाने की कोशिश की कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान कहा गया था कि अगर महायुति को स्पष्ट बहुमत मिलता है तो शिंदे को दोबारा सीएम बनाया जाएगा.

भाजपा ने उनकी इस मांग को इस आधार पर खारिज कर दिया कि ऐसा करने से गलत परंपरा की शुरुआत होगी क्योंकि पार्टी ने खुद बहुमत के करीब आंकड़े हासिल किए हैं. राज्य में भाजपा को अपने दम पर 132 सीटों पर जीत मिली हैं. जबकि स्पष्ट बहुमत के लिए के लिए 145 सीटें चाहिए. यानी उसे  अपने दम पर सरकार बनाने के लिए केवल 13 सीटें चाहिए. इसके बाद एकनाथ शिंदे से कहा गया कि अगर आपके पास स्पष्ट बहुमत होता तो क्या आप सीएम की कुर्सी छोड़ देते. इसके बाद शिंदे ने कोई जवाब नहीं दिया. उनकी बोलती बंद हो गई.

बीएमसी चुनाव पर नजर
दरअसल, एकनाथ शिंदे विधानसभा चुनाव के वक्त से खुद को सीएम बनाने की मांग पर अड़े थे, लेकिन चुनावी नतीजे आने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कह दिया कि ऐसा कतई संभव नहीं है. माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की छह माह के लिए सीएम बनाने की मांग के पीछे अगले साल के शुरू में संभावित बीएमसी चुनाव है. बीएमसी में उद्धव गुट की शिवसेना का दबदबा है. सीएम की कुर्सी से उतरने के बाद एकनाथ शिंदे को कई सवालों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही पुराने शिवसैनिक इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना सकते हैं. दूसरी तरफ उद्धव गुट इस मुद्दे को और हवा देगा कि भाजपा के साथ जाने वालों का यही हाल होता है. बीते विधानसभा चुनाव में मुंबई की सीटों पर उद्धव गुट का प्रदर्शन शिवसेना शिंदे गुट से बेहतर रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीएमसी में शिवसेना के दोनों गुटों में असली टक्कर दिखेगी.

Tags: Amit shah, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde



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