उदयपुर. नए फैशन ट्रेंड के मुताबिक देश में नेल आर्ट का चलन लगातार बढ़ रहा है. लड़कियां इसे नए-नए अंदाज में अपनाने लगी है. जहां नेल आर्ट में विभिन्न आधुनिक डिज़ाइन पसंद किए जा रहे हैं, वहीं उदयपुर इस कला को पारंपरिक रंग दे रहा है. यहां नाखूनों पर पारंपरिक मिनिएचर पेंटिंग्स बनाई जा रही हैं, जो शहर की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं.
हस्तशिल्प को मिल रहा नया आयाम
उदयपुर के शिल्पग्राम के कलाकार इन अनूठी पेंटिंग्स के लिए खासे मशहूर हो रहे हैं. नाखूनों पर बनाए जाने वाले इन डिज़ाइनों में हाथी, घोड़े और पारंपरिक राजस्थानी महिलाओं की आकृतियां प्रमुख रूप से शामिल हैं. यह कला न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रही है, बल्कि उदयपुर के हस्तशिल्प को एक नया आयाम भी दे रही है.
पारंपरिक कला का बेहतरीन उदाहरण
नेल आर्टिस्ट्स का कहना है कि पारंपरिक डिज़ाइनों को मिनिएचर पेंटिंग के रूप में नाखूनों पर उकेरना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उनकी कला को पर्यटक खूब सराह रहे हैं. एक पर्यटक ने कहा, ‘नेल आर्ट तो पहले भी करवाया था, लेकिन नाखूनों पर मिनिएचर पेंटिंग पहली बार देखी. यह न केवल अद्भुत है बल्कि पारंपरिक कला का बेहतरीन उदाहरण भी है.’
एक्रेलिक रंगों का होता है उपयोग
नेल आर्टिस्ट ने बताया कि मिनिएचर पेंटिंग के लिए नेल आर्ट में एक्रेलिक रंगों का उपयोग किया जाता है. कलाकार इन रंगों से नाखूनों पर बारीकी से पेंटिंग करते हैं, जो लगभग 10 से 12 दिनों तक सुरक्षित रहती हैं. नाखूनों की साइज पेंटिंग की खूबसूरती को प्रभावित नहीं करती; बल्कि इन मिनिएचर डिज़ाइनों से नाखून और भी आकर्षक दिखते हैं.
पर्यटकों के लिए आकर्षण का विशेष केंद्र
यह कला उदयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बन गई है. शिल्पग्राम के कलाकारों का कहना है कि नेल आर्ट में इस पारंपरिक स्पर्श ने इसे अनूठा बना दिया है. मिनिएचर पेंटिंग्स वाली नेल आर्ट आधुनिकता और परंपरा का ऐसा संगम है, जो कला प्रेमियों को लंबे समय तक याद रहेगा. बदलते फैशन ट्रेंड में नेल पेंटिंग को लेकर यहां आ रहे पर्यटकों के बीच काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 21:09 IST