रांची. झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को रांची की सड़कों पर यातायात जाम और रुकावटों के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की जमकर क्लास लगाई. हुआ कुछ ऐसा बीते शुक्रवार झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस एस.के. द्विवेदी की गाड़ी सीएम आवास के पास जाम में फंस गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने ट्रैफिक जाम को गंभीरता से लिया है. नाराज हाइकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता, रांची के जिलाधीश (डीसी) राहुल कुमार सिन्हा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) चंदन कुमार सिन्हा को तलब किया. कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए मौखिक टिप्पणी में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था विफल हो गई है.
रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनता युवा मोर्चा ने रैली का आयोजन किया था. इस दौरान जस्टिस एस.के. द्विवेदी कांके रोड में सीएम आवास के पास काफी देर तक जाम में फंसे रहे. उनके पीएसओ ने ट्रैफिक एसपी समेत कई आला पुलिस अधिकारियों से कई बार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क किया, तो उन्होंने डीजीपी से बात की. डीजीपी के निर्देश पर पुलिस ने जस्टिस की गाड़ी जाम से बाहर निकलवाई.
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जस्टिस एस.के. द्विवेदी की अदालत ने मंगलवार को कोर्ट में हाजिर हुए डीजीपी, डीसी और एसएसपी से कहा कि जब हाईकोर्ट के सिटिंग जज जाम में फंस रहे हैं और उन्हें निर्धारित स्थल तक पहुंचने में कई घंटे का समय लग रहा है, तो आम जनता की क्या स्थिति होगी, यह समझा जा सकता है. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि ऐसी घटना कानून-व्यवस्था की विफलता का मामला है और हाईकोर्ट के सिटिंग जज भी सुरक्षित नहीं हैं. अदालत ने कहा, ‘लगता है, सारी सुरक्षा-व्यवस्था सिर्फ राजनेताओं और मंत्रियों के लिए हैं.’ डीजीपी ने अदालत को बताया कि सुरक्षा-व्यवस्था में कुछ चूक हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 18:39 IST