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RG Kar में लेडी डॉक्टर के साथ उस दिन क्या-क्या हुआ? साथियों ने बताई सारी बात

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और फिर बेहद निर्ममता से की गई हत्या के मामले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस मामले का मुख्य आरोपी संजय रॉय पकड़ा गया है, लेकिन वह अब सीबीआई को झांसा ही दे रहा है. इस लेडी डॉक्टर के माता-पिता अब तक अपनी बेटी के सदमे में डूबे हैं. वह बेहद होनहार थी और उसका मकसद मेडिकल फील्ड में गोल्ड मेडल लाना था. आरजी कर अस्पताल में वह जीतोड़ मेहनत करती थी. उसके माता-पिता को उम्मीद थी कि वह 9 अगस्त को 36 घंटे की शिफ्ट के बाद बहुत देर से घर आएगी. वह लौटी तो जरूर, लेकिन कफन में लिपटी हुई, खून में नहलाई हुई.

अस्पताल के उसके साथी डॉक्टरों ने वारदात वाली रात से पहले की पूरी कहानी बताई है. उन्होंने बताया कि 16 घंटे की लगातार ड्यूटी के बाद वह थोड़ी देर आराम करने के लिए सेमिनार रूम गई थी. रात में वह जगह पूरी तरह खाली रहती थी, जहां कोई आता-जाता भी नहीं था. उन्होंने बताया वह कई बार शांति से पढ़ाई करने के लिए वहां जाया करती थी, लेकिन इस बार एक दरिंदे की उस पर नजर पड़ गई. आरजी कर अस्पताल के उसी सेमिनार में उसकी खून सनी लाश मिली, जहां उसका बलात्कार किया गया था और फिर बेहद बेरहमी से मार डाला गया था.

सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंची थी डॉक्टर
31 साल की यह ट्रेनी डॉक्टर अपनी लंबी ड्यूटी के लिए तैयार होकर 8 अगस्त को सुबह 10 बजे आरजी कर अस्पताल के ओपीडी में पहुंची थी. वह शुरुआत में कैंपस के ही हॉस्टल में रहा करती थी, लेकिन फिर वह करीब साल भर से अपने माता-पिता के साथ घर पर रहा करती थी और अस्पताल के लिए करीब 14 किलोमीटर अप-डाउन करती थी.

आरजी अस्पताल में उसके साथ ही काम करने वाले एक डॉक्टर ने कहा, ‘जब वह अस्पताल में दाखिल हुई तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ थी और वह तुरंत काम से लग गई. उसने छह मरीजों को भर्ती किया और उसके पास चाय पीने के लिए कुछ पलों के अलावा आराम करने का कोई समय नहीं था.’

ओपीडी के बाद मरीजों को देखने चली गई वार्ड
श्वसन विभाग की ओपीडी में उसके साथ एक रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर, एक फैक्लटी मेंबर के साथ साथ ही इंटर्न और हाउस स्टाफ शामिल थे. दोपहर 3 बजे तक वह इसी ओपीडी में काम करती रही. फिर इसके बाद, वह वार्ड में अपनी टीम के साथ शामिल हो गई. उसकी टीम ने दोपहर का खाना मंगवाया था, और चूंकि वह देर से आई थी, इसलिए उन्होंने उसका खाना अलग रख दिया.

थर्ड ईयर के एक ट्रेनी डॉक्टर ने कहा, ‘वह दोपहर 3 बजे के बाद आई और उसने अपना खाना बगल के ‘स्लीप रूम’ में खाया, जहां हम आमतौर पर खाते हैं. वह थोड़ी संकोची थी, लेकिन बहुत केंद्रित थी. एक सीनियर फैक्लटी मेंबर और मैं उसे किसी मरीज की हालत खराब होने पर कॉल करने के लिए कहकर शाम 4.30 बजे के आसपास चले गए थे. लेकिन उसका कॉल कभी नहीं आया और अगली सुबह मुझे उसकी भयानक मौत के बारे में पता चला.’

देर से लंच के बाद वह अपनी यूनिट में मरीजों की देखभाल करने के लिए जल्दी से निकल पड़ी. इमरर्जेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर 80 बिस्तरों वाले विभाग में छह यूनिट हैं, और मौत से पहले देर रात तक वह यहीं काम रह रही थी. उसके साथ उस रात ड्यूटी पर डॉक्टरों ने बताया कि उसने आधी रात के आसपास डिनर के लिए ब्रेक लिया, फिर 9 अगस्त को देर रात 2 बजे के आसपास आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में चली गई. हालांकि वह नींद उसकी आखिरी नींद साबित हुई और अगली सुबह उसकी लाश मिली.

Tags: CBI Probe, Doctor murder, Kolkata News



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