शिमला. हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार (Sukhu Sarkar) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. हाल ही में टॉयलेट सीट टैक्स (Toilet Seat Tax) मुद्दे पर किरकिरे के बाद अब सरकार समोसा कांड के चलते लोगों के निशाने पर है. आलम यह है कि शिमला से दिल्ली तक समोसा कांड (Himachal Samosa Controversy) अब सुर्खियां बटोर रहा है. जहां हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली. वहीं, डीजीपी सीआईडी (DGP CID) को भी पूरे विवाद पर सफाई देनी पड़ी.
शुक्रवार को शिमला से दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समोसा विवाद की सीआईडी जांच पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. सीएम ने समोसा विवाद से जुड़े सवाल पर चलते केवल धन्यावाद कहा.
उधर, पूरे मामले पर हिमाचल प्रदेश के डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा कि शिमला में सीएम सुक्खु साइबर विंग के नए सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस) स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए सीआईडी मुख्यालय गए हुए थे, वहीं सीएम को समोसे परोसे जाने थे. लेकिन वह समोसे कर्मचारियों को दे दिए गए. इसके बाद इस घटना की जांच सीआईडी ने शुरु कर दी है. शुरुआती जांच में पता चला कि केवल एक उपनिरीक्षक को पता था कि बक्सों में सीएम के लिए जलपान है, लेकिन उच्च मंजूरी के बिना ही वह जलपान कर्मचारियों को दे दिए गए. रिपोर्ट में वरिष्ठ अधिकारी ने इस काम को सरकार विरोधी ठहराया और वीवीआईपी का अपमान बताया. डीजीपी ने कहा कि पूरे मामले की जांच पुलिस मुख्यालय ने नहीं की, बल्कि सीआईडी ने अपने स्तर पर की है.
भाजपा ने घेरा, जमकर हो रही किरकिरी
इस मामले में अब जमकर सियासत हो रही है. हिमाचल प्रदेश भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इस घटना से हिमाचल प्रदेश सरकार हंसी की पात्र बन गई है. यह एक लापरवाही से जुड़ा मामला है. उन्होंने कहा कि सीआईडी विभाग के पास समोसों की जांच का वक्त है, लेकिन भ्रष्टाचार मामलों की कोई जांच नहीं करता है.
पंजाब भाजपा के नेता तरुण चुध ने कहा कि राहुल गांधी की खटाखट और नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण जहां-जहाँ भी कांग्रेस की सरकार हैं, वहां दिवालियापन आ चुका हैं. जनता के वादे पूरे करने की बजाये जो पुरानी भाजपा ने पहले सुहूलियत दे रखी थी, वो भी वापिस ले रहे हैं. हिमाचल में समोसा इन्क्वारी ये बताती है कि राज्य सरकार को विकास की चिंता नहीं है और एक मामूली समोसे की जांच हो रही हैं. ये कदम बताता है कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता समोसा है, न की वादे पूरे करना.
हिमाचल प्रदेश के सीएम सीआईडी दफ्तर में. तस्वीर 21 अक्तूबर की है.
इसी तरह, भाजपा के नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस का हिमाचल में गवर्नेंस मॉडल देखिये. पहले टॉयलेट टैक्स और अब समोसे पर CID की जांच. वो भी सरकार विरोधी कृत्य बताकर. हिमाचल प्रदेश के प्रशासन का काम यही बचा है. अअ इसमें CID की जांच करवाकर इससे एंटीगवर्नमेंट एक्ट बताकर इसमें जांच की जा रही है. प्राथमिकता देखिये. पेट्रोल-डीजल, बिजली-पानी के दाम बढ़ा दिए. टॉयलेट टैक्स लगा दिया. महिलाओं को राशि देने वाले थे, लेकिन ये सब वादे निभाने के बदले ये समोसा कैसे स्टाफ तक पहुँच गया, इसपर जांच की जा रही हैं. ये दिखाता है की कांग्रेस की सोच क्या हैं? इनकी प्राथमिकता क्या है…समोसे पर इन्क्वारी और टॉयलेट पर टैक्स, क्या मज़ाक बना कर रखा है. यही कांग्रेस का मॉडल है, खटाखट मॉडल.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 21 अक्तूबर की यह घटना है. शिमला में सीआईडी दफ्तर में एक कार्यक्रम था, जिसमें सीएम सुखविंदर सुक्खू गए थे. इस दौरान सीएम के लिए होटल रेडिसन ब्लू से केक और समोसे मंगाए गए. लेकिन ये समोसे उनके स्टाफ को सर्व किए गए, जबकि लाए ये सीएम के लिए गए थे. यह बात सीआईडी अफसरों को नाग्वार गुजरी और फिर जांच के आदेश दिए गए. तीन पेज की जांच रिपोर्ट में बात सामने आई है कि ये समोसे और केक सीएम को सर्व होने वाले मैन्य में नहीं थे और इसी वजह से उन्हें नहीं खिलाए गए और स्टाफ ने खा लिए. मामला अब काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 12:14 IST