वाराणसी : सावन के महीने शिवभक्तों को काशी विश्वनाथ के गंग द्वार से एंट्री नहीं मिलेगी. वाराणसी में गंगा नदी में उफान के कारण ये फैसला लिया गया है .हालांकि फिलहाल भक्तों को गंग द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है लेकिन अब मंदिर प्रशासन इसे बंद करने की तैयारी में है. फिलहाल गंगा में बढ़ते जलस्तर के कारण ललिता घाट पर लगे जर्मन हैंगर को भी हटा लिया गया है.
गौरतलब है कि सावन को लेकर गंगा घाटों पर जर्मन हैंगर टेंट के साथ वहां जिग-जैग बैरिकेडिंग भी लगनी थी, जिसकी तैयारियां जारी थी लेकिन फिलहाल सब कुछ हटा लिया गया है. इतना ही नहीं गंग द्वार से आने वाले भक्तों की संख्या भी ना के बराबर हो गई है.
सावन में और पानी बढ़ने की आशंका
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि पानी का लेबल और बढ़ने के बाद भक्तों के लिए गंग द्वार को पूरी तरह बन्द कर दिया जाएगा. सावन में और पानी बढ़ने की आशंका भी है. पानी उतरने के बाद ही भक्तों के लिए वापस से गंगद्वार को खोला जाएगा.
कई घाटों का टूटा संपर्क
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, वाराणसी में शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 62.88 मीटर है. फिलहाल गंगा स्थिर है लेकिन अनुमान है कि गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ना शुरू हो सकता है. वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण 2 दर्जन से अधिक घाटों का संपर्क मार्ग भी टूट गया है. इसके अलावा घाट किनारे के कई मंदिर भी जलमग्न हो गए हैं. जिससे पूजा-पाठ बाधित हो गया है. इतना ही नहीं पानी बढ़ने के कारण पुरोहितों ने अपनी चौकियों का स्थान भी बदल लिया है.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 14:31 IST