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Success Story: साइंस की पढ़ाई, फिर सब्जेक्ट बदले तो सबने टोका…हरियाणा की बेटी चंचल बनीं जज

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करनाल.  हरियाणा की करनाल की एक और बेटी सिविल जज (Civil Judge Exam) बन गई हैं. बेटी चंचल ने न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर ली है. परिवार ने चंचल की उपलब्धि की खुशी जताई है. अहम बात है कि 26 साल की चंचल ने पहले ही अटैम्प्ट में हरियाणा की न्यायिक परीक्षा पास की है और 7वां रैंक (जनरल कैटागिरी) हासिल किया है.

जानकारी के अनुसार, डिवाइन पब्किल स्कूल से चंचल ने 8वीं तक पढ़ाई की और स्कूल में भी बेटी को सम्मानित किया गया. बाद में चंचल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई की और पढ़ाई के साथ-साथ जज बनने की तैयारी भी की. चंचल ने पहली बार हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा दी थी, जिसमें उन्होंने शानदार रैंक हासिल किया. अब परिवार काफी खुश है और घर पर बधाई के लिए लगातार लोग आ रहे हैं. दीपावली से पहले बेटी ने परिवार को तोहफा दिया है.

दरअसल, चंचल ने 12वीं में मेडिकल साइंस की पढ़ाई की थी. हालांकि, बाद में ग्रेजुएशन में सब्जेक्ट बदले और फिर एलएलबी की पढ़ाई की. इस दौरान कई लोगों ने उन्हें टोका भी विषय में बदलाव क्यों किया, लेकिन चंचल कहती हैं कि गोल निर्धारित था और इसलिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और एलएलबी की और फिर सब चीजें होती चली गई. उन्होंने हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा में अपना पहला अटैम्प्ट दिया था और उत्तीर्ण हो गई हैं.

चंचल कहती हैं कि उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही तय किया था कि मुझे जज ही बनना है. वह बताती हैं कि जो बच्चे सिलेक्ट नहीं हुए हैं, वह मेहनत करते रहे और विश्वास रखें कि उन्हें कामयाबी मिलेगी. न्यूज-18 से बातचीत में चंचल ने बताया कि तीन स्टेज का एग्जाम होता है और 15 अक्तूबर अब रिजल्ट आया है. उनका चयन हो गया है और जल्द ही ज्वाइनिंग होगी. चंचल बताती हैं कि जब वह सांइस से लॉ में गई तो उन्हें परेशानी जरूर हुई और फिर परिवार को भी समझाया और पढ़ाई की.

मां सुनीता का क्या कहना है

चंचल की मां ने बताया कि वह काफी खुश हैं. क्योंकि बच्चा जब तरक्की करता है तो मां बाप को सबसे अधिक खुशी है. बच्चे के साथ साथ परेंट्स भी स्ट्रगल करते हैं. लेकिन बच्चे की सफलता पर सारी दुख दूर हो जाते हैं. वह बताती हैं कि चंचल काफी इमानदार है. बेटी कहती है कि जिन्हें न्यान नहीं मिलेगा, उन्हें वह कोशिश करेंगी कि न्याय मिले. चंचल की मां हाउस वाइफ हैं. चंचल के अलावा, उनका एक बेटा है. चंचल के पिता दिव्यांग बच्चों के स्कूल में नौकरी करते हैं.

Tags: Inspiring story, Judges Vacancy, Success Story



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