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बाड़मेर जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर चौहटन स्थित विरात्रा वांकल माता मंदिर का चमत्कार इतना है, कि भक्त बाड़मेर व राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश से मां के दरबार में शीश नवाजने आते हैं. रेगिस्तान के प्राकृतिक नयनाभिराम दृश्यों के बीच, काले भूरे रंग के पत्थरों वाले हरणी पहाड़ एवं बालू रेत के विशाल टीलों के बीच, विरात्रा माता मंदिर स्थित है. यह सफेद संगमरमर के पत्थर पर शिल्पकारी से बना भव्य मंदिर है. वांकल माता के मंदिर के चारों ओर माताजी की विशाल ओरण हैं, जो कि राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी ओरण है. इसे पशुओं के चरने के लिए ही उपयोग किया जाता हैं, इसमें से स्थानीय लोग धार्मिक कारणों से लकड़ी नहीं काटते हैं.