नई दिल्ली (Tripti Kalhans UPSC Success Story). तृप्ति कलहंस उत्तर प्रदेश के गोंडा की रहने वाली हैं. उन्होंने स्कूल के दिनों में ठान लिया था कि यूपीएससी परीक्षा पास करके सरकारी अफसर बनना है. लेकिन उस वक्त शायद उन्हें यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा का उनका सफर कितना कठिन रहेगा. कई यूपीएससी अभ्यर्थी एक या दो बार फेल होने पर बैकअप ऑप्शन पर काम करने लगते हैं. लेकिन तृप्ति कलहंस ने यूपीएससी के आगे, उससे अलग कुछ सोचा ही नहीं.
किसी चीज को हासिल करने के लिए जिद हो, ललक हो, जुनून हो तो आप कुछ भी करके उसे हासिल कर लेते हैं. तृप्ति कलहंस के साथ भी यही हुआ. उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अफसर बनना है और इसके लिए वह कितनी भी मेहनत करने के लिए तैयार थीं. उनका सफर आसान नहीं था लेकिन वह मुश्किलों से घबराई नहीं. उन्होंने हर चुनौती का सामना किया और आखिरकार अपनी मंजिल हासिल कर ली. पढ़िए आईएएस तृप्ति कलहंस की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी.
स्कूल में देखा सपना
तृप्ति कलहंस ने यूपी के गोंडा में स्थित एक स्कूल से पढ़ाई की है. स्कूली दिनों में ही उन्होंने आईएएस अफसर बनने का सपना देखा था. उन्होंने ठान लिया था कि कॉलेज लाइफ के 3 सालों को एंजॉय करने के बाद वह यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी शुरू कर देंगी. उनका मानना था कि कॉलेज लाइफ जिंदगी में एक बार ही मिलती है और इसीलिए उस दौरान वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का स्ट्रेस नहीं लेना चाहती थीं. उन्हें इस पेपर की कठिनाई का अंदाजा था.
सेल्फ स्टडी से शुरू की तैयारी
गोंडा से 12वीं पास करने के बाद तृप्ति कलहंस दिल्ली आ गईं थीं. 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कमला नेहरू कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद से वह सेल्फ स्टडी के जरिए यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं. वह शुरुआती तीन प्रयासों में यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा तक पास नहीं कर पाई थीं. इससे वह काफी वक्त तक दुखी रही थीं और कॉन्फिडेंस खोने लगी थीं. उन्हें अपना बचपन का सपना टूटता हुआ नजर आ रहा था.
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तैयारी पर प्रेशर पड़ा भारी
लगातार तीन सालों तक बिना किसी गाइडेंस के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना बहुत बड़ी बात थी. प्रीलिम्स तक नहीं निकाल पाने की वजह से वह सेल्फ डाउट से घिर गई थीं. इस दौरान परिजन और रिश्तेदार उन पर दबाव भी डालने लगे थे. इससे उनकी तैयारी पहले से भी ज्यादा प्रभावित हो रही थी. फिर चौथे अटेंप्ट में असफल होने के बाद साल 2022 में उन्होंने एग्जाम साइकिल से ब्रेक लेने का फैसला लिया. यह उनके लिए बहुत जरूरी था.
1 साल में बदल गई जिंदगी
एक साल के इस ब्रेक में उन्हें अपना खोया हुआ कॉन्फिडेंस वापस मिला. उन्हें यूपीएससी परीक्षा को समझने के लिए वक्त मिला और आखिरकार उनकी मेहनत और त्याग का फल मिला. यूपीएससी सीएसई 2023 में वह ऑल इंडिया रैंक 199 के साथ सफल हो गईं. वह कहती हैं- जब जिंदगी में अच्छे दिन आते हैं, तब समझ में आता है कि भगवान जी ने हमें इतने कष्ट क्यों दिए. वह सभी यूपीएससी अभ्यर्थियों को सुकून और खुद पर भरोसे के साथ तैयारी करने की सलाह देती हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 11:54 IST