पश्चिम चम्पारण. बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में सैलानियों की संख्या बढ़ रही है. इसके पहले कि मॉनसून का आगमन हो और वीटीआर में सफारी का सिलसिला थम जाए, पर्यटक इसका लुफ्त उठा लेना चाहते हैं. दरअसल 15 जून को वीटीआर का पर्यटन सत्र समाप्त होने जा रहा है. उससे पहले जंगल सफारी के इरादे से यहां राज्य के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक पहुंच रहे हैं.
15 जून को समाप्त होगा पर्यटन सत्र
बता दें कि वाल्मिकी टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र सम्पन्न होने में एक महीने से भी कम समय बचा है.15 जून को पर्यटन सत्र सम्पन्न हो जाएगा.ऐसे में टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.गर्मी से राहत पाने के लिए तथा बेहद कम खर्च में प्रकृति की सुंदरता एवं दुर्लभ वन्यजीवों के दीदार हेतु उत्साहित पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों से वीटीआर का रुख कर रहे हैं.
समझने वाली बात यह है कि पर्यटक यदि किसी कारणवश इस पर्यटन सत्र में जंगल सफारी का लुफ्त नहीं उठा पा रहे हैं, तो वे वीटीआर की बेहद आकर्षक खुबसूरती तथा दर्जनों टूरिस्ट स्पॉट का आनंद ले सकते हैं.अच्छी बात यह है कि यहां आप बिना किसी टिकट बुकिंग के भी घूम सकते है.
पक्षियों, रेप्टाइल्स एवं जानवरों की अनगिनत प्रजातियां
वीटीआर के चीफ ऑफ फॉरेस्ट की मानें तो, तकरीबन 900 स्क्वॉयर किलोमीटर में फैले बिहार के इस इकलौते टाइगर रिजर्व में पेड़-पौधों की भी लगभग 90 प्रजातियां मौजूद हैं. साथ ही यहां बाघों के अलावा जंगली जानवरों की 60, पक्षियों की 300 और रेप्टाइल्स की 30 प्रजातियां मौजूद हैं, जो जंगल सफारी को आपकी उम्मीद से भी ज्यादा एडवेंचरस बना सकते हैं. गौरतलब है कि मॉनसून सत्र में जंगल सफारी के समापन के बाद नवंबर में पुनः इसकी शुरुवात की जाती है.
FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 23:10 IST