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Yog Guru: योग का छाया ऐसा जुनून कि छोड़ दी पुलिस की नौकरी, 16 लाख बच्चों को दिया ट्रेनिंग, सीखा रहे मुफ़्त ध्यान

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सिरोही: स्वस्थ शरीर के लिए योग को दिनचर्या में शामिल करना काफी लाभदायक होता है. योगाभ्यास की बदौलत शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्ति काफी मजबूत बनता है. इसी की बानगी देखने को मिलती है सिरोही जिले के तलहटी क्षेत्र निवासी बाबूलाल के साथ. 61 वर्ष की उम्र में भी बाबूलाल 50 किलोमीटर दौड़ते हैं. वे देशभर के कई स्कूलों में लाखों बच्चों को योग के माध्यम से एकाग्रता और याद्दाश्त बढ़ाने का तरीका निशुल्क सीखा रहे हैं.

16 लाख बच्चों को सीखा चुके हैं योग 
करीब 24 साल पहले वे मध्यप्रदेश पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी करते थे. ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ाव के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर योग को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प किया. 61 वर्षीय योग मास्टर बाबूलाल ने बीएमएस की पढ़ाई कर आयुर्वेद चिकित्सा का ज्ञान प्राप्त किया. इसके बाद पतंजलि योग संस्थान से योग का प्रशिक्षण लेकर पिछले 20 सालों से बाबूलाल राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के 1300 स्कूलों में 16 लाख के करीब बच्चों को योग सीखा चुके हैं. वे ब्रह्माकुमारी संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में चीफ योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं.

स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाने का सिखाते हैं तरीका
लोकल-18 से खास बातचीत में योग मास्टर बाबूलाल भाई ने बताया कि वह मूल रूप से मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं. पतंजलि से योग का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने राजस्थान और गुजरात समेत देश के कई राज्यों के स्कूलों में लाखों बच्चों को योग की ट्रेनिंग दे चुके हैं. इसके अलावा शांतिवन में भी आने वाले देश-दुनिया के लोगों को योग प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं.  स्कूलों में वे बच्चों को अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने और एकाग्रता बढ़ाने का तरीका सिखाते हैं.

दवाईयों से दूरी के लिए योग जरूरी 

स्वस्थ रहने के लिए दवाईयां जरूरी नहीं है और ना ही पैसों से स्वास्थ्य खरीदा जा सकता है. स्वास्थ्य नियमों का पालन करने से मिलता है. राजयोग और शारीरिक योग में इन ही नियमों की जानकारी दी जाती है. दवाईयों से बचना है तो तीन अंग्रेजी के मेड को अपनाना होगा. इसमें एम का अर्थ मेडिटेशन, ई का अर्थ एक्सरसाइज, डी का अर्थ डाइटिंग से हैं. इन तीनों को अपनाने से ही व्यक्ति स्वस्थ बनेगा.

कई मैराथन में ले चुके भाग 
बाबूलाल ने बताया कि योग की शक्ति से ही वे 61 वर्ष की उम्र में भी 50 किलोमीटर तक दौड़ सकते हैं. अब तक वे कई मैराथन में भी भाग ले चुके हैं. कुछ माह पूर्व आबूरोड से माउंट आबू तक हुई इंटरनेशनल मैराथन में भाग ले चुके हैं. 21 किलोमीटर की दूरी उन्होंने 1 घंटा और 43 मिनट में पूरी कर दूसरा स्थान हासिल किया था.

Tags: Local18, News18 bihar, Sirohi news



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