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एक लाख रुपए किलो का मशरूम,सब्‍जी नहीं दवा है ये, कई बीमारी की संजीवनी

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नई दिल्‍ली. सामान्‍य तौर पर मशरूम को लोग सब्‍जी के तौर पर खाते हैं, जिसकी कीमत 200 से 400 रुपये प्रति किलो की होती है. लेकिन क्‍या आपने कभी एक लाख रुपये प्रति किलो का मशरूम सुना है. हालांकि दाम सुनकर चौंकना लाजिमी है. यह चुनिंदा जगह उपलब्‍ध है और इसका इस्‍तेमाल दवा के रूप में किया जाता है. इंडियन एग्रीकल्‍चर रिसर्च इंस्‍टीट्यूट (आईएआरआई) के डायरेक्‍टरेट ऑफ मशरूम रिसर्च, सोलन ने इसकी खोज की है और हाल ही दिल्‍ली में आयोजित आईएआरआई के स्‍थापना दिवस पर इसका डिसप्‍ले किया गया था, जो लोगों में आकर्षण का केन्‍द्र बना रहा.

कॉर्डीसेप्‍स मिलिटरीज नाम के इस मशरूम की कीमत बाजार में एक लाख रुपये प्रति किलो है. डायरेक्‍टरेट ऑफ मशरूम रिसर्च सोलन के साइंटिस्‍ट डा. बीएल अत्री बताते हैं कि इस मशरूम को दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसको धूप में सुखाकर स्‍टोर करते हैं और जरूरत के अनुसार इस्‍तेमाल करते हैं. यह स्‍टेमिना बढ़ाने के साथ किडनी और हार्ट के मरीजों के लिए संजीवनी का काम करता है. खिलाड़ी भी इसका सेवन करते हैं, जिससे उनका स्‍टेमना बढ़ सके. इसे सोलन के सेंटर से भी खरीदा जा सकता है.

सेंटर के साइंटिस्‍ट डा. सतीश कुमार बताते हैं कि इसके खाने का तरीका यह होता कि पांच-छह पीस रात में पानी में भिगोकर रख लें और सुबह पानी और फल दोनों का सेवन करें. इसकी फसल बंद कमरे में होती है, जहां तापमान 20 से 22 डिग्री होना चाहिए. 45 दिन में फसल तैयार हो जाती है. इसको छोटे-छोटे जार में उगाया जाता है. एक जार में करीब 25 ग्राम मशरूम पैदा होते हैं. जिसमें 200 से 250 पीस हेाते हैं.

देशभर के किसानों को दी जा रही है ट्रेनिंग

साइंटिस्‍ट डा. बीएल अत्री बताते हैं कि सेंटर में इस फसल के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. 10-10 किसानों का ग्रुप बनाकर उन्‍हें बोने से लेकर तैयार होने की पूरी प्रक्रिया समझाई जाती है. प्रति माह एक ग्रुप को ट्रेंड किया जा रहा है.

Tags: Agriculture, Health benefit, Solan news



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