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Bihar Politics News: बिहार की जातीय जनगणना को तेजस्वी यादव हमेशा अपनी उपलब्धि बताते हैं. लेकिन जिस प्रकार से राहुल गांधी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधने के क्रम में तेजस्वी यादव के क्रेडिट पर कुठाराघात कर दिया यह कहीं ना कहीं राजद के लिए…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी ने जातिगत गणना को फेक बता क्या सेल्फ गोल मार लिया?
- राहुल के बयान तेजस्वी यादव और आरजेडी को जवाब देते नहीं बन रहा.
- चुनाव में महागठबंधन को आरक्षण विरोधी बताने की योजना बना रहा जेडीयू.
- महागठबंधन को गरीब विरोधी बताने की तैयारी कर रहा बिहार एनडीए.
पटना. राहुल गांधी ने बिहार में हुए जातिगत गणना को फेक बता कर क्या कांग्रेस और आरजेडी सहित महागठबंधन के लिए बिहार में बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है? बिहार की जातीय जनगणना को फेक कहते हुए संभवत: वह भूल गए कि बिहार में जब जाति का जनगणना करवाई गई थी, तब उनके बिहार में अहम सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल ही नहीं उनकी कांग्रेस भी सरकार में शामिल थी. तब आरजेडी के नेता और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम थे. यही वजह है कि तेजस्वी यादव जातिगत जनगणना कराए जाने का क्रेडिट लेने की कई बार कोशिश करते रहे हैं और इसे उपलब्धि बताते रहे हैं. लेकिन, राहुल गांधी के बयान के बाद राजद की स्थिति ऐसी असहज हो गई है जो पार्टी के नेताओं को न तो जवाब देते बन रहा है और न ही इस बयान का विरोध करना ही सहज लग रहा है. कांग्रेस नेता भी खुद को पसोपेश में फंसा हुआ पा रहे हैं. इधर, जेडीयू सहित एनडीए के तमाम घटक दलों के नेता एक सुर में राहुल गांधी के बयान पर निशाना ही साधना शुरू नहीं किया है, बल्कि राहुल गांधी के राजनीति में होने पर भी सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है. वहीं, आगामी चुनाव के मद्देनजर बड़ी तैयारी भी शुरू कर दी है.
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने बयानों से अपने को हास्यापद बनाने की अद्भुत कला जानते हैं. बिहार के जातीय गणना के संबंध में उनका ताजातरीन बयान उसी की पुष्टि करता है. क्योंकि, जातीय गणना के शुरू होने से लेकर इसके आंकड़े जारी होने तक कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करती रही थी. दूसरे, बिहार सरकार ने उसी समय से स्पष्ट कह रखा है कि अगर इन ऑकड़ों में किसी प्रकार की विसंगति या गलती संज्ञान में लाई जाती है, तो सरकार तत्क्षण जांच कराने को तैयार है. परन्तु अभी तक एक भी ऐसी सूचना या आपत्ति किसी के द्वारा नहीं दी गई है.
विजय चौधरी कहते हैं, जब कोई प्रमाण नहीं दिया तो बिना किसी प्रमाण के राहुल गांधी इस गणना को फेक कैसे कहते हैं. इससे सिर्फ उन्होंने अपनी अगंभीर नेता की छवि को ही बरकार रखा है. वैसे भी जिन्हें ‘इंडियन स्टेट’ (भारतीय राष्ट्र) और ‘इंडियन गवर्नमेंट’ (भारतीय सरकार) में फर्क की समझ नहीं हो, तो हम उनसे इससे कुछ अधिक उम्मीद भी नहीं रखते.
वहीं, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको हर चीज फर्जी नजर आता है जबकि खुद ही पूरे फर्जीवाड़ा के सरदार हैं. अब बिहार में जो जाति आधारित सर्वे कराया उसके आधार पर जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे.जब हम लोग इंडिया में थे तो हम लोग जब इस मांग को कर रहे थे तो वह मुंह में टेप लगाए हुए थे. उनको बताना चाहिए कि मुंह में टेप लगाए हुए थे किसके दबाव में. आज् उनको जाति आधारित जनगणना दिखाई पड़ रही है, क्योंकि वह ड्रामा करते रहते हैं.
वहीं, बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं, राहुल गांधी ने ये बयान तब दिया है जब चुनावी साल है और तेजस्वी यादव लगातार बिहार में 17 महीने के कार्यकाल का हवाला देकर वोट मांगने की तैयारी में हैं. इसमें प्रमुख तौर पर जातिगत गणना की बात कह क्रेडिट लेते रहे हैं और आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग भी करते रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी का ये बयान उनके लिए भी बड़ा झटका है. अब राहुल गांधी के बयान पर महागठबंधन के नेता सफाई देते रहें, लेकिन राहुल गांधी के बयान ने झटका तो दे ही दिया है.
वहीं एक और वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार कहते हैं बिहार में जाति की राजनीति खूब होती है और जातिगत गणना के बहाने भी खूब राजनीति हुई और आगे भी होगी. लेकिन, अब राहुल गांधी के बयान के बाद महागठबंधन को नए सिरे से इसका जवाब खोजना होगा. दरअसल, एनडीए महागठबंधन को इस बहाने आरक्षण विरोधी बताने की पूरी कोशिश कर चुनावी मुद्दा बनाएगा और इसी को आधार बनाकर नीतीश सरकार 94 लाख परिवार को गरीबी रेखा से नीचे मान दो दो लाख की राशि देने की घोषणा कर चुके हैं. बड़ी संख्या में लोगों को दिया भी जा चुका है और बचे हुए लोगों को चुनाव के पहले दिया जाएगा. पटना के अस्पताल और डॉक्टर्स के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें…
January 19, 2025, 15:38 IST