आशीष कुमार जैन
दमोह. मध्य प्रदेश के दमोह से एक बड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठाना बग्गी वालों को महंगा पड़ गया. गांव के कुछ दबंगों ने घोड़ी और बग्गी मालिक की जमकर धुनाई कर डाली. दरअसल, दमोह की जबलपुर नाका पुलिस चौकी के तहत आने वाले चोरई गावं में एक दलित समाज के लड़के की शादी थी. बारात में दूल्हे को घोड़ा बग्गी पर बैठाना था. लिहाजा परिजनों ने दमोह से बग्गी का इंतजाम किया और दमोह से घोड़ा बग्गी चोरई गावं पहुंची. ये सब गावं के कुछ लोगों को नागवार गुजरी.
इन लोगों ने दूल्हे या उनके परिवार के लोगों से कुछ नहीं कहा बल्कि जो लोग बग्गी लेकर आए थे उनको पहले बुलाया. फिर कहा गया कि वो दलित समाज के दूल्हे को घोड़ी बग्गी पर न बैठाए. बग्गी मालिक ने इस बात को दूल्हे और उसके परिवार को बताया, लेकिन गांव के ही कुछ जिम्मेदार लोगों ने बीच में आकर इस बात की गारंटी ली कि कहीं कुछ नहीं होगा.
थाने पहुंच गया मामला
लोगों ने समझाइश दी तो बारात भी पूरे शानो शौकत से निकली. लोग नाचते गाते बारात में शामिल हुए लेकिन बारात के बाद घोड़ा बग्गी मालिक और कर्मचारियों की शामत आ गई. बारात के बाद घोड़ा बग्गी लेकर उसका मालिक दमोह वापस लौट रहा था. फिर गांव के बाहर कुछ लोगों ने उसे रोका और उसकी जमकर धुनाई कर डाली. जब वजह पूंछी गई तो मारपीट करने वाले लोगों ने साफ कहा कि मना करने के बाद भी नीची जाति के दूल्हे को घोड़ा बग्गी पर कैसे बैठाया. जैसे तैसे जान बचाकर बग्गी मालिक और उसके 2 साथी भागे निकले.
देर रात ही जबलपुर नाका पुलिस चौकी पहुंचे जहां तीनों की चोटें देखकर पुलिस उनके इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची और डॉक्टर्स ने उनका इलाज किया. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. वहीं आरोपियों की तलाश की जा रही है. बहरहाल कुछ सालों पहले तक बुन्देलखण्ड में ऐसे मामले आम बात थे जब दलित या कथित तौर पर कही जाने वाली छोटी जाति के लोगों को घोड़ी पर बैठने की इजाजत नहीं थी, लेकिन वक्त के साथ ऐसे मामले सामने आना बंद हो गए. अब एक बार फिर बुन्देलखण्ड में इस तरह के मामलों का सामने आना चिंता का विषय जरूर हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 14:03 IST