कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. आए दिन आर्थिक स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री भी चिंता जाहिर करते रहते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उस संकट को हम कम करने में अपनी भूमिका निभाएंगे या ज्यादा. इस बीच सरकारी दफ्तरों की फिजूलखर्ची एक बड़ी समस्या बन गई है. सरकारी दफ्तरों में बिना मतलब से लाइटें और पंखे जल रहे हैं. जिससे बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. इन छोटी-छोटी फिजूलखर्चियों को न रोका गया तो सरकार पर और अधिक बोझ बढ़ेगा. और हालत ठीक होने की बजाय और बिगड़ेंगे.
दिन भर जली रहती हैं नगर निगम की लाइटें
नगर निगम धर्मशाला की स्थिति भी कुछ इसी प्रकार की है. यहां आए दिन शहर की स्ट्रीट लाइटें दिन के उजाले में भी जलती रहती हैं. इन लाइटों को दिन में बंद करने के लिए कोई कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिससे बिजली की बर्बादी हो रही है. शहर के विभिन्न हिस्सों में हर दूसरे-तीसरे दिन स्ट्रीट लाइटें जलती रहती हैं. जब दिन रात लाइटें जलेंगी तो निश्चित ही बिल में वृद्धि होगी. नगर निगम के वित्तीय प्रबंधन पर असर पड़ेगा और अंततः प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा.
वैसे तो नगर निगम अपनी आय बढ़ाने की बातें और दावे करते हैं, लेकिन जब छोटी छोटी चीजों में लापरवाही बरती जाएगी तो बड़ा बदलाव लाना असंभव है. नगर निगम से शिकायत की है कि निगम हर शहरवासी से टैक्स वसूल कर रहा है, लेकिन अपनी खामियों को नहीं देख रहा है. इसके कारण निगम की आय कम हो रही है, और दिन में जलती लाइटें बंद नहीं की जा रही हैं.
क्या बोलीं मेयर नीनू शर्मा
मीनू शर्मा बोलीं निगम क्षेत्र में अगर दिन के समय लाइटें जलती रहती हैं तो इसके बारे में जानकारी ली जाएगी और कर्मचारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि लाइटें नियमित समय पर बंद की जाएं. इससे बिजली की बचत होगी और बिजली बिल भी कम आएगा.
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FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 13:11 IST