पीलीभीत : धान की कटाई के दौरान प्रशासन पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त रूप अपना रहा है. सरकार ने पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. साथ ही निगरानी के लिए जगह-जगह सेटेलाइट की व्यवस्था की गई है. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बीते कुछ दिनों से सेटेलाइट द्वारा पराली जलाए जाने की सूचना पर दौड़ी टीमों को बैरंग भी लौटना पड़ रहा है. सेटेलाइट द्वारा बताई जा रही लोकेशन पर फसल लहलहाती मिल रही है. पूरे मामले में राजस्व विभाग की टीमों की दौड़ लग रही है. लगातार हो रही है इन घटनाओं के चलते सेटेलाइट द्वारा पराली जलाए जाने के मामलों की निगरानी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल इन दिनों पीलीभीत में सेटेलाइट सुर्खियों में बना हुआ है. वैसे तो बीते कई सालों से सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी की जा रही है. लेकिन इस साल धान की कटाई के दौरान इस कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. बीते 17 अक्टूबर को सेटेलाइट द्वारा जारी बुलेटिन में कलीनगर तहसील क्षेत्र के चकपुर आनंदपुर में पराली जलने की सूचना प्राप्त हुई. जब राजस्व व कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो उन्हें वहां धान की फसल खड़ी मिली. वहीं दो दिन बाद 19 अक्टूबर को पूरनपुर तहसील के पचपेड़ा प्रहलादपुर से भी ऐसा ही मामला सामने आया. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा कि जनपद में कई जगह ऐसे मामले घटित हो रहे हैं.
किसानों से वसूला गया 22,500 जुर्माना
जब पूरे मामले पर लोकल 18 की टीम ने कृषि उपनिदेशक नरेंद्र पाल से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि सेटेलाइट द्वारा से प्राप्त डाटा का संकलन मानवीय संसाधनों द्वारा किया जाता है. ऐसे में इनमें चूक संभव है, हाल ही में प्रकाश में मामलों में भी ऐसा ही प्रतीत होता है. विभाग की ओर से सूचनाओं के सत्यापन के बाद ही कार्रवाई अमल में लाई जाती है. पराली जलाने वाले किसानों से अब तक 22,500 रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है.
FIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 21:04 IST