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Ranchi News: रांची के संतोष कुमार का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड केवल उनके जुनून और मेहनत का नतीजा नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि अगर सही प्रेरणा और संकल्प हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है.
मोदी जी को UN में योग करते देख हुए ऐसा मोटिवेट की बना डाला विश्व रिकॉर्ड, रांची
शिखा श्रेया/रांची: अगर मन में कुछ बड़ा करने का जुनून हो और मेहनत से पीछे न हटा जाए, तो सफलता निश्चित है. इस बात को सच कर दिखाया है झारखंड की राजधानी रांची के संत ज़ेवियर स्कूल के कंप्यूटर टीचर संतोष कुमार ने. अपने जुनून और दृढ़ संकल्प से उन्होंने गिज़नि बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कर लिया. संतोष ने लगातार 48 घंटे और 15 मिनट तक बिना रुके कंप्यूटर क्लास लेकर यह कारनामा किया.
मोदी जी से मिली प्रेरणा
संतोष कुमार ने अपनी प्रेरणा का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. उन्होंने कहा, “2023 में मोदी जी को यूनाइटेड नेशन्स के मुख्यालय में 135 देशों के लोगों के साथ योग करते देखा था. तभी मैंने ठाना कि मुझे भी ऐसा कुछ करना चाहिए, जो दुनिया में पहले कभी न हुआ हो. इसके बाद मैंने गिज़नि बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की वेबसाइट पर जाकर इसके लिए जानकारी जुटाई और तैयारी शुरू की.”
कैसे बना रिकॉर्ड?
48 घंटे और 15 मिनट तक लगातार क्लास लेना कोई आसान काम नहीं था. संतोष ने इस दौरान केवल ड्राई फ्रूट्स और लिक्विड डाइट पर खुद को संभाले रखा. उन्होंने बताया कि इस चुनौती के दौरान उन्होंने अनाज को हाथ भी नहीं लगाया ताकि नींद न आए. इस कठिन प्रयास में उनके परिवार और पत्नी ने उनका भरपूर साथ दिया. संतोष ने कहा कि जब मैं रिकॉर्ड बना रहा था, तब मेरी पत्नी ने भी 48 घंटे तक न खाना खाया और न ही आराम किया. उनका यह सहयोग मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बना.
सपना जो रांची से दुनिया तक पहुंचा
संतोष मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता धनबाद में काम करते थे, और संतोष की पढ़ाई भी वहीं हुई. कुछ समय तक उन्होंने दिल्ली में काम किया, लेकिन बाद में रांची लौट आए और संत ज़ेवियर स्कूल में कंप्यूटर टीचर के रूप में कार्यरत हो गए. हालांकि, उनका सपना हमेशा से बड़ा था. संतोष ने कहा कि मैंने ठान लिया था कि मुझे ऐसा काम करना है, जो सिर्फ भारत में नहीं, पूरी दुनिया में मिसाल बने.
छात्रों को क्या सिखाते हैं संतोष?
संतोष ने इस रिकॉर्ड से न केवल खुद को बल्कि अपने छात्रों को भी प्रेरित किया है. वे कहते हैं मैं अपने बच्चों को हमेशा कहता हूं कि लक्ष्य बड़ा बनाओ और उसे हासिल करने के लिए पूरी मेहनत करो. रास्ते में कठिनाइयां जरूर आएंगी, लेकिन जब सफलता मिलेगी तो वे कठिनाइयां याद भी नहीं रहेंगी.
परिवार का योगदान
संतोष अपने परिवार के योगदान को भी अपनी सफलता का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं. उन्होंने कहा, “मेरे परिवार और पत्नी ने मेरा हौसला बनाए रखा. उनके सहयोग के बिना यह रिकॉर्ड संभव नहीं था.”
Ranchi,Jharkhand
January 19, 2025, 15:37 IST