देवघर: वैसे तो 12 महीने की पूर्णिमा शुभ मानी जाती है. लेकिन कुछ महीने ऐसे होते हैं जिसकी पूर्णिमा तिथि के दिन व्रत रखने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है. बैसाख, सावन इसी महीने में आता है. तो इस बार 23 मई को वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. माना जाता है की वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. वैशाख पूर्णिमा के दिन दान का भी खास महत्व होता है. इसलिए पूर्णिमा के दिन पूजा आराधना करने के साथ दान अवश्य करना चाहिए. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है की वैशाख पूर्णिमा में क्या शुभ योग बन रहा है. कैसे इस पूजा करें और दान की सही विधि क्या है.
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुगल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि कल यानी 23 मई को वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. क्योंकि भगवान बुद्ध का जन्म इसी में हुआ था. यह पूर्णिमा दिन गुरुवार को रहने के कारण और भी खास बन जा रहा है. वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान दान अवश्य करना चाहिए. इस दिन अगर गंगा स्नान कर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने के बाद दान करने से कभी नहीं समाप्त होने वाले पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन एक दीया मंदिर में अवश्य जलाना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है.
कब से शुरू हो रही पूर्णिमा तिथि
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 05 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है और समाप्त अगले दिन यानी 23 मई रात 07 बजकर 26 मिनट मै. इसलिए उदया तिथि को मानते हुए 23 में को वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा.
इस दिन बन रहे है अद्भुत संयोग
इस साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बेहद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है. जिस कारण वैशाख पूर्णिमा का महत्व और भी खास बन जा रहा है. वैशाख पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और परिध योग का निर्माण होने जा रहा है. इसके साथ ही इस दिन सुबह 10 बजे तक विशाखा नक्षत्र है और दिन गुरुवार भी पड़ रहा है. योग नक्षत्र और दिन मिलकर पूर्णिमा को अतिशुभ बना रहा है. विशाखा नक्षत्र में कुछ भी दान करने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है. जैसे घड़ा, चप्पल, छाता इत्यादि का दान अवश्य करना चाहिए.
पूर्णिमा के दिन दीया अवश्य जलाएं
ज्योतिषाचार्य बताते हैं की पूर्णिमा के दिन मंदिर में पूजा आराधना करने के बाद तिल के तेल का दीया अवश्य जलाना चाहिए. इससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. इसके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का वास रहता है. वही माता लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक समस्या भी समाप्त हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 15:41 IST